उज्जैन। सुप्रसिद्ध युवा भजन गायिका मैथिली ठाकुर भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव के अंतर्गत आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम मे अपनी प्रस्तुति देने शहर मे आई। दैनिक अवंतिका के संवाददाता पं राहुल शुक्ल ने उनसे उनके विचार जानने के प्रयास किए।अपने विचार साझा करते हुए युवा गायिका ने बताया कि बाबा महाकाल की इस पावन नगरी मे वे चौथी बार आई हैं। वे इसे अपना सौभाग्य मान रही हैं कि बाबा उन्हे बार बार दर्शन हेतु बुला लेते हैं। यहां के लोगो के प्यार को वे कभी भूल नही सकती। उज्जैन शहरवासी बहुत सरल व प्रेमी हैं। सोशल मीडिया की रील्स की ओर आकर्षित युवाओ के संबंध मे उन्होने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से नई पीढी अपनी जड़ो की ओर लौट रही है और धर्म व धार्मिक कार्यक्रमो मे खासी रूचि ले रही है। यदि ऐसा न होता तो उनके आज इतने अधिक फालोअर्स न होते। उन्होने आगे बताया कि सोशल मीडिया के अच्छे पक्ष का महत्व समझते हुए बच्चों और युवाओ को आध्यात्मिक ज्ञानवर्धक सामग्री पर फोकस होना चाहिए।
सभी लोगों को ईश्वर के स्मरण का अधिकार
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जब युवा भजन गायिका से पूछा गया कि आजकल देश मे कथावाचको की जाति को लेकर विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है तो उन्होने स्पष्ट कहा कि वे इससे अनभिज्ञ हैं पर ऐसा नही होना चाहिए। भगवान का नाम लेने का अधिकार सभी को है । उन्होने रामचरित मानस का अच्छे से अध्ययन किया है और अब जब भी समय मिलता है वे भागवत का अध्ययन करती रहती हैं।
अपने भाई से अगाध स्नेह
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भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने कहा कि वे अपने भाई को बहुत चाहती हैं। गायिकी के क्षेत्र मे वे अपने भैया के बिना अधूरी हैं।
युवाओ को रामायण से सीखना चाहिए
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मैथिली ने कहा कि हमारे सभी धर्म ग्रन्थों मे मानवता व जनकल्याण की प्रेरणा दी गई है। युवाओ को इन ग्रन्थो को अवश्य पढना चाहिए।
