उज्जैन। खाद्यान्न वितरण के लिए उपभोक्ता दुकानों पर अब दुकान संचालक एवं उपभोक्ता के बीच तनाव के हाल बनने लगे हैं। अबकी बार 15 जून ईकेवायसी के लिए अंतिम तारीख तय की गई है। पांच साल तक के बच्चों की ई केवायसी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिसके कारण बच्चों के नाम का राशन ही दुकानों तक नहीं पहुंच पाया। वहीं बुजुर्गो के फिंगर प्रिंट सहित अन्य समस्या के कारण ई केवायसी नहीं हो पाई। जिससे उन्हें भी राशन से वंचित रहना होगा।
मसला ई केवायसी से उत्पन्न हो रहा है। कई लोग ई केवायसी के फेर में अब भी उलझे हुए हैं। तकनीकी समस्या से कई परेशानियां खडी हो रही है। कई लोगों की ऐप या मशीन दोनों ही माध्यम से अब तक ई केवायसी के पते नहीं है। ऐसे में अब राशन दुकानों पर दुकान संचालक एवं उपभोक्ता के बीच तनाव के हालात बनने लगे हैं। लोग राशन दुकानदारों से बहस कर रहे हैं।
एप की ई केवायसी मशीन में शो नहीं –
ऐप में की गई ईकेवायसी को राशन दुकानों पर मशीन शो नहीं कर रही। वहीं कई लोगो द्वारा ई केवायसी करवाने के बाद भी स्वतः ही हटा दी गई है। पोर्टल भी बराबर दिक्कत दे रहा है। पांच साल तक के बच्चों की ई केवायसी के संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। जिसके चलते इनके नाम से आने वाला राशन नहीं मिल पाया है। कई बुजुर्ग ऐसे हैं जिनकी ई केवायसी मशीन पर सही फिंगर प्रिंट नहीं होने से मैच नहीं हो पा रही है। परेशानी यह भी सामने आ रही है कि मशीन को छोडकर ऐप के माध्यम से ई केवायसी का प्रयास किया जा रहा है तो फेस के माध्यम से भी ई केवायसी नहीं हो पा रही।
अपने से उड रही ई केवायसी-
दुकान संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तकनीकी संसाधनों के माध्यम से एक बार ई केवायसी होने पर ओके की रिपोर्ट मिलने के बाद भी कुछ नाम अपने से ही हटने की शिकायत भी सामने आ रही है। मतलब ई केवायसी नहीं होना सामने आ रहा है जबकि पूर्व में उसकी ओके रिपोर्ट आ चुकी थी। तकनीकी समस्या के कारण उनकी ई केवायसी नहीं हो पा रही है। राशन दुकानों पर फिंगर प्रिंट के जरिए ई केवायसी नहीं हो पा रही। तैयार किए गए ऐप में भी समस्या आ रही है। सबसे ज्यादा समस्या ऐप से की गई ई केवायसी को लेकर सामने आने की बात दुकान संचालक बता रहे हैं।
