कनेक्टिविटी का मॉडल बनेगा इंदौर मेट्रोपॉलिटन, रैपिड रेल, मेट्रो से जुड़ेगा हर जिला

ब्रह्मास्त्र इंदौर

इंदौर-उज्जैन मेट्रोपॉलिटन रीजन (आईयूएमआर) देश में कनेक्टिविटी का एक बेहतर मॉडल बनकर सामने आएगा। इस पूरे एरिया को इसी तरह प्लान किया गया है कि देश के बड़े शहरों से ये रेल, बस और हवाई यातायात के जरिए सीधे जुड़े और इसका फायदा सभी 6 जिलों के 70 लाख आबादी को फायदा मिले।

इसके लिए रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम, मेट्रो, वंदे भारत के अलावा ग्रीन लाइन बसों का प्रस्ताव है, जो सभी जिलों को कवर करते हुए आसपास के राज्यों के बड़े शहरों से जोड़ेंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, इंदौर-उज्जैन में पूरे एरिया की सीमा 50 से 70 किमी के बीच होगी। रीजन का अधिकांश एरिया वर्तमान रेलवे नेटवर्क के आसपास रहेगा।

डेवलपमेंट मेग्नेट भी इस नेटवर्क के आसपास ही बनेंगे, क्योंकि यहां से आवाजाही आसान होगी। इसी आधार पर मोबिलिटी प्लान बना रहे। इस एरिया को फायदा ये है कि सेंट्रल इंडिया के तीन बड़े रेल जंक्शन उज्जैन, रतलाम और नागदा इसमें आ रहे। यानी आईएमयूआर से अब पूरा देश कनेक्ट होगा। इसी तरह दाहोद, छोटा उदयपुर तक रेल नेटवर्क बनने, खंडवा रेल लाइनों के गेज परिवर्तन होने और इंदौर- मनमाड़ लाइन बनने के बाद इंदौर भी एक जंक्शन की तरह विकसित हो जाएगा। आईयूएमआर के जिस धार जिले में अब तक ट्रेन नहीं है, वहां भी अगले साल ट्रेन चलेगी।

सबसे समृद्ध परिवहन वाले मेट्रोपॉलिटन की योजना
इंदौर, उज्जैन व देवास के बीच रेलवे लाइनों का नेटवर्क खाली रहता है। नागपुर की तरह ब्रॉडगेज मेट्रो का प्लान है, इससे पूरे क्षेत्र के उपनगरों को जोड़ेंगे। इंदौर-पीथमपुर, इंदौर-उज्जैन के लिए मेट्रो ट्रेन प्रस्तावित हो चुकी है, 5 साल में निर्माण होगा। तीन बड़े जंक्शन उज्जैन, रतलाम, नागदा भी मिल रहे हैं। यह रेल नेटवर्क दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर आता है। इससे यात्री और माल परिवहन भी आसान होगा।

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