12 वीं पास युवको ने खोले थे आॅफिस, आज खत्म होगा रिमांड बिना स्टॉक मार्केट कोर्स के संचालित कर रहे थे एडवाइजरी कंपनी
उज्जैन। एडवाइजरी कंपनी खोलकर शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले 4 संचालको को माधवनगर और 3 को नीलगंगा पुलिस ने रिमांड पर लिया है। पूछताछ और जांच में सामने आया कि 12 पास युवक नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ स्टॉक मार्केट का कोर्स किये बिना एडवाइजरी कंपनी संचालित कर रहे थे।
बुधवार को क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीम ने शहर में संचालित हो रही एडवाइजरी कंपनी रिचर्स मार्ट लिमिटेड, स्टॉक रिसर्च एंड बुलिश इंडिया, मनी मैग्नेट रिसर्च लिमिटेड, चॉइस ब्रोकिंग फर्म और एंजेल वन लिमिटेड पर दबिश मारी थी। सभी कम्पनियां लोगों के डीमेट अकाउंट खुलवाकर शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देकर धोखाधड़ी कर रही थी। 2 थाना क्षेत्र में हुई दबिश के बाद कम्पनी संचालित करने वाले संचालको के साथ 130 युवक-युवतियों को हिरासत में लिया था। युवक-युवतियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गयाथा। वहीं संचालको के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था। माधवनगर थाना पुलिस ने कम्पनियों से जुड़े चार संचालको अनिकेत वर्मा, वैभव प्रजापति,सुनीलरावल और अजय पंवार को रिमांड पर लिया था। नीलगंगा पुलिस ने आशुतोष ललावत, शाशि मालवीय और चंदर उर्फ चारू भदौरिया को कोर्ट में पेश किया था। जिनसे पूछताछ कर जांच की जा रही है। उनके कुछ साथी फरार है। नीलगंगा थाना प्रभारी तरूण कुरील ने बताया कि पूछताछ और जांच में सामने आया कि एडवाइजरी कंपनी संचालित करने वाले 12 वीं तक पढ़े है। उनके द्वारा नियमों को ताक में रखकर कम्पनियां बनाई गई थी और आॅफिस खोले गये थे। जबकि एडवाइजरी कंपनी खोलने के लिये भारत के राजपत्र अनुसार कंपनी खोलने वाले को पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है। वहीं नेशनल इंस्टीट्युट आॅफ स्टॉक मार्केट का कोर्स करना होता है। कंपनी खोलने के बाद निवेश कराने से पहले 25 लाख की प्रतिभूति राशि भी जमा करना होती है। कंपनी संचालक को पांच साल का अनुभव भी होना अनिवार्य है। रिमांड पर लिये गये संचालक के पास से कंपनी खोलने और निवेश कराने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले है। उन्होने भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) से पंजीयन भी नहीं कराया था। संचालको के खातों की जांच जारी है। इस दौरान सामने आया कि निवेशको का पैसा अपने यहां काम करने वाले युवक-युवतियों के खाते में ट्रांसफर कराते थे। कर्मचारियों से नगद प्राप्त कर लेते थे। पूछताछ कर इस बात का पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने का निवेश कराया था और कितनी धोखाधड़ी की है।
दमदमा में आधी रात को दबिश
नीलगंगा थाना प्रभारी ने बताया कि रिमांड पर लिये गये शशि मालवीय, चंदर भदौरिया और आशुतोष ने पूछताछ में अपने साथी अजय उर्फ गोलू चौहान का नाम कबूल किया है। जिसकी तलाश के लिये गुरूवार-शुक्रवार रात दमदमा स्थित उसके घर पर दबिश दी गई थी। लेकिन वह फरार हो गया। उसके गिरफ्त में आने पर मामले से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है। माधवनगर पुलिस भी फरार संचालको की तलाश है। जिसके हिरासत में आने पर धोखाधड़ी की राशि का बड़ा खुलासा हो सकता है।
पुलिस बढ़वा सकती है रिमांड
माधवनगर और नीलगंगा थाना पुलिस की रिमांड पर चल रहे 7 एडवाइजरी संचालको को आज रिमांड खत्म होगा। दोपहर बाद सभी कोर्ट में पेश किया जायेगा। जहां पुलिस रिमांड अवधि बढ़ाने की बात कोर्ट के सामने रख सकती है। बुधवार को दबिश के दौरान पुलिस ने 5 आॅफिसों से दर्जनों की संख्या में सिस्टम, मोबाइल और दस्तावेज जब्त किये थे।