रिमांड पर निवेश के नाम पर ठगी करने वाले एडवाइजरी संचालक -माधवनगर ने 5 को भेजा जेल 4 से पूछताछ, 3 नीलगंगा थाने में
उज्जैन। निवेश के नाम पर लोगों का डीमेट अकाउंट खुलवाने और शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देकर ठगी करने वाले 5 एडवाइजरी सेंटरों के 7 संचालको को गुरूवार दोपहर कोर्ट में पेश कर 2 दिनों की रिमांड पर लिया गया है। मामले में माधवनगर और नीलगंगा पुलिस पूछताछ कर रही है।
माधवनगर और नीलगंगा थाना क्षेत्र में संचालित होने वाले 5 एडवाइजरी आॅफिसों पर क्राइम ब्रांच और सायबर की 3 टीमों ने बुधवार को दबिश मारी थी। जिनके संचालको के साथ कर्ताधर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। जिसके खिलाफ माधवनगर और नीलगंगा पुलिस ने धारा 319 (2), 318 (4), 3 (5) बीएनएस और आईटी एक्ट की धारा 66 डी, 72, 72-ए में प्रकरण दर्ज किया था। माधवनगर पुलिस ने गुरूवार को अपने क्षेत्र से गिरफ्त में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां से अनिकेत पिता राजू वर्मा निवासी गणेशपुरा मक्सीरोड, वैभव पिता राजेश प्रजापति सार्थकनगर, सुनील पिता मोहनसिंह रावल निवासी शिवांश एवेन्यू और अजय पिता महेश पंवार निवासी चंदेसरा को 2 दिनों की पूछताछ के लिये रिमांड पर लिया। उनके साथी मुकेश, दीपक मालवीय, मनीष जाटवा, पवन कटियार, शुभम प्रजापत और अभिषेक लश्करी को जेल भेजा गया है। पुलिस को मुकेश के साथ एक अन्य की तलाश है। नीलगंगा पुलिस ने अपने क्षेत्र से गिरफ्त में आये एडवाइजरी संचालक आशुतोष पिता शांतिलाल निवासी अन्नपूर्णानगर, शशि पिता मुकेश मालवीय कल्पतरू देवासरोड और चंदर उर्फ चारू पिता सेवाराम भदौरिया निवासी अन्नपूर्णा नगर को कोर्ट में पेश कर 2 दिनों की रिमांड पर लिया है। माधवनगर थाना प्रभारी राकेश भारती और नीलगंगा थाना प्रभारी तरूण कुरील का कहना था कि पूछताछ में धोखाधड़ी करने वालों के कुछ साथियों के नाम भी सामने आ सकते है। रिमांड के दौरान जप्त किये गये दस्तावेजों के साथ मोबाइल की जांच की जायेगी।
बिना पंजीयन के संचालित कर रहे थे आॅफिस
क्राइम ब्रांच की दबिश के साथ समाने आया था कि विशाल मेगा मार्ट के ऊपर, होटल कुबेर में के साथ एके बिल्डिंग चौराहा, शंकु मार्ग कांच वाली बिल्डिंग और सोनी टॉवर में संचालित एडवाइजरी आफिस भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) से बिना पंजीकृत संचालित किये जा रहे थे। आॅफिसों से लोगों कॉल किया जाता था और शेयर मार्केट में मुनाफे का झांसा देकर डीमेट अकाउंट खुलवाया जाता था। फायदा होने पर 40 प्रतिशत कमीशन निवेशक को बताये बिना काट लिया जाता था। कई लोगों को नुकसान होने का हवाला देकर राशि हड़प ली जाती थी। शिकायत मिलने पर पुलिस ने दबिश देकर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है।