प्रतिबंध के बावजूद सामने आ रहे हादसे इंदौररोड पर बीमा एजेंट का चायना डोर से कटा होंठ

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उज्जैन। घातक साबित हो चुकी चायना डोर पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद डोर से हादसे होना सामने आ रहे है। इंदौररोड पर बाइक सवार बीमा एजेंट चायना डोर का शिकार हुआ है। होंठ कटने पर निजी अस्पताल में उपचार के दौरान डॉक्टरों ने 6 टांके लगाये है।
सांदीपनीनगर आगररोड पर रहने वाले हेमंत पिता कृष्णवल्लभ कश्यप बीमा एजेंट है। सोमवार शाम वह महात्युंज्य द्वार से घर की ओर बाइक पर सवार होकर आ रहे थे। उसी दौरान अर्थव कालोनी के पास जैन लस्सी की दुकान के सामने पतंग कटकर उनके ऊपर आकर गिरी, वह बाइक रोक पाते उसी दौरान किसी ने डोर खिंची जो उनके होंठ पर लगी और होंठ लहूलुहान हो गया। लोगों ने उनकी मदद की और परिजनों को कॉल कर चायना डोर से घटना होने की जानकारी दी। लोगों ने उन्हे समीप निजी अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने जख्म गहरा होने पर 6 टांके लगाये है। परिजनों के पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हे छुट्टी देकर घर रवाना कर दिया। पिछले 15 दिनों में चायना डोर से चौथी घटना होना सामने आई है। सबसे पहले महाकाल थाने के पास जवासिया कुमार में रहने वाले अर्पित मालवीय का गला कट गया था। उसके बाद त्रिवेणी विहार में छात्र शशांक राठौर का गला कटा था। उसके बाद जीरो पाइंट पर शिक्षा विभाग के कर्मचारी   प्रहलाद मोदे का गला कटना सामने आया था। प्रशासन ने चायना डोर पर 2 माह का प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद कुछ लोगों द्वारा चायना डोर का चोरी छुपे कारोबार किया जा रहा है। प्रशासन और पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना होगा।
रात के अंधेरे में बेचने निकला था युवक
प्रतिबंध लगा होने के बाद भी चायना डोर बेचने का काम कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है। नीलगंगा थाना पुलिस ने सोमवार-मंगलवार रात 12.30 बजे हरिफाटक ब्रिज के नीचे से एक युवक को हिरासत में लिया था। जिसके पास से बोरी में भरे चायना डोर के 9 गट्टे बरामद किये गये थे। एसआई भूपेन्द्रसिंह चौहान ने बताया कि प्रतिबंधित डोर के साथ हिरासत में आया युवक गगन पिता योगेश हारोड 22 वर्ष निवासी नीलगंगा कब्रिस्तान के पास रहने वाला है। जिसके खिलाफ धारा 223 का प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रतिबंध लगने के बाद से कोतवाली थाना पुलिस, चिमनगंज थाना पुलिस, महाकाल थाना पुलिस और नीलगंगा पुलिस चायना डोर बेचने और उड़ाने वालों पर कार्रवाई कर चुकी है। लेकिन सख्त एक्शन नहीं होने पर बेचने वालों में भय दिखाई नहीं दे रहा है।

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