जिला निवारण आयोग न्यायाधीश का पर्स चोरी,राजीनामा नहीं करने पर दो पक्षों में विवाद
उज्जैन। महाराष्ट्र के जिला निवारण आयोग की न्यायाधीश छाया पिता रविंद्र सपके 39 साल निवासी फ्लेट नबंर 5 श्रीराम हाईट्स कालका माता मंदिर रोड जलगांव सोमवार को देव दर्शन करने उज्जैन आई थी। काल भैरव मंदिर से दर्शन करने के बाद सांदीपनि आश्रम पहुंची थी जहां उनका पर पर्स गायब होना सामने आया। जिसमें पहचान संबंधित दस्तावेज, 3 हजार रुपए और जिला ग्राहक निवारण आयोग न्यायाधीश का वास्तविक पहचान पत्र के साथ बार काउंसिल आफ महाराष्ट्र का पहचान पत्र रखा हुआ था। उन्होंने पर्स चोरी की शिकायत जीवाजीगंज थाने पहुंचकर दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात बदमाश के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लिया है। शहर के धार्मिक स्थलों के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ में बदमाशों की गैंग घूम रही है जो पूर्व में भी कई बार बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ पर्स, मोबाइल और सामान चोरी करने की वारदातों को अंजाम दे चुकी है। पुलिस कुछ ही मामलों में बदमाशों को गिरफ्तार कर पाई है अधिकांश श्रद्धालुओं को अपना सामान मिलने की आस लेकर ही लौटना पड़ता है खास बात तो यह है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से पुलिस शिकायती आवेदन लेकर उन्हें चला कर देती है। रसूखदार और वीआईपी श्रद्धालु होने पर ही प्रकरण दर्ज किया जाता है।
बंजारा समुदाय के कुंदन पिता जगदीश चंद्र और माखन पिता बापू सिंह बंजारा के बीच पुराना विवाद चला आ रहा है। सोमवार मंगलवार रात पुरानी विवाद में समझौता करने की बात को लेकर माखन बंजारा कुंदन के घर पहुंचा था जहां विवाद बढ़ गया माखन ने अपने साथियों के साथ मिलकर कुंदन को घर में घुसकर मारा और जान से मारने की धमकी थी। कुछ देर बाद ही कुंदन के साथी और परिवार के सदस्य माखन के घर पहुंचे और मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। दोनों पक्षों का विवाद तराना पुलिस थाने तक पहुंचा जहां पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ क्रॉस प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है। दोनों पक्षों के घायलों का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है।