नागदा-खाचरोद खंड में 2×25 केवी स्कॉट-कनेक्टेड ट्रांसफार्मर 132 केवी से ऊर्जीकृत
इस टेक्नोलॉजी को लागू करने में रतलाम मंडल भारतीय रेलवे में प्रथम
ब्रह्मास्त्र रतलाम
भारतीय रेलवे अधोसंरचनात्मक विकास के साथ संरक्षा, सुरक्षा एवं परिवहन क्षमता में वृद्धि करने के लिए सतत प्रयासरत है। इस हेतु भारतीय रेलवे द्वारा आधुनिक एवं कार्यसंगत टेक्नोलॉजी को आत्मसात करने का कार्य किया जा रहा है जिससे हमारे रेल उपभोक्ताओ को सुविधा मिलने के साथ ही रेलवे की परिवहन क्षमता भी उत्तरोत्तर विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है।
मंडल रेल प्रबंधक के सफल मार्गदर्शन एवं संबंधित विभागों के शाखाधिकारियों के कुशल निर्देशन में आधुनिक एवं नई टेक्नोलॉजी को आत्मसात करने में पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल भी काफी अग्रसर रहा है। इसका अद्यतन उदाहरण रतलाम मंडल के ताजपुर रेलवे स्टेशन है जहां अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली को इंस्टॉल किया गया है। इस प्रकार की नई प्रणाली को इंस्टॉल करने वाला रतलाम मंडल भारतीय रेलवे में पहला स्टेशन बना है। इसी क्रम में रतलाम मंडल पर ओएचई(ओवर हेड इक्यूपमेंट) की क्षमता बढ़ाने के लिए 26 नवम्बर, 2024 को नागदा-खाचरौद खंड में 1७25 केवी ओएचई के स्थान पर 2७25 केवी ओएचई नागदा टीएसएस(ट्रैक्शन सब स्टेशन) 01 नं. स्कॉट कनेक्टेड ट्रांसफार्मर (60/84/100 एमवीए) को 3 फेज, 132 केवी इनकमिंग सप्लाई के साथ उर्जित किया गया है तथा शेष कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। ऐसा करने से ओएचई की क्षमता में वृद्धि होगी जिसके कारण ढुलाई क्षमता बढ़ेगी, वोल्टेज (50 केवी) के दोगुना होने के कारण उच्च ओएचई धारा वहन क्षमता, बेहतर वोल्टेज विनियमन और ट्रांसमिशन लाइन घाटे में कमी के साथ ही 1़25 केवी से 2़25 केवी प्रणाली तक इंजनों का निर्बाध संचालन होगा। ओएचई(ओवर हेड इक्यूपमेंट) में यह एक आधुनिक प्रणाली है जो रेलवे की परिवहन क्षमता को बढ़ाने का कार्य करेगा।