March 29, 2024

यहां के कई छात्र यूक्रेन में फंसे, सरकार वापसी का स्पष्ट निर्णय लें तो ही लौट सकेंगे

ब्रह्मास्त्र इंदौर। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंका का असर इंदौर पर भी पड़ा है। भारत समेत लगभग सभी देशों ने अपने नागरिकों और छात्रों को यूक्रेन से वापस लौटने की एडवाइजरी जारी की है। वहां करीब 20 हजार भारतीय बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें मध्यप्रदेश के भी सैकड़ों स्टूडेंट्स शामिल हैं। इंदौर से ही लगभग 60 छात्र वहां हैं।
यूक्रेन में मौजूद इंदौर के छात्रों का कहना है कि यहां के हालात बहुत खराब है। हम फिलहाल सुरक्षित हैं, लेकिन घर वापसी की चिंता सता रही है। परिवार वाले भी चाहते हैं कि हालात और बिगड़ने से पहले हम घर लौट आएं। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे शुभम ने बताया कि हम यहां सुरक्षित हैं। हमारे परिवार के लोग भी काफी चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि यहां के हालात और खराब होने से पहले बच्चे घर लौट आएं।
इंदौर के प्रणय राव भी पांच साल से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
मेडिकल की पढ़ाई कर रहे प्रणय राव के अनुसार यूएस, कनाडा, इजराइल और यूके के छात्र यहां से पहले ही जा चुके हैं। भारतीय दूतावास ने हमसे कहा है कि आपको यहां से जाना है तो जाइए, यहां रहना है तो रहिए। भारतीय दूतावास और मोदी सरकार को यहां रह रहे छात्रों के बारे में स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए। यदि हालात बिगड़े तो एक साथ बड़ी संख्या में यहां से लोगों को शिफ्ट करना मुश्किल हो जाएगा।
अम्बेडकर नगर, महू निवासी प्रो. डीके गुप्ता का इकलौता बेटे अभिनव एक साल से यूक्रेन के खार्कीव स्थित नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है। उनकी लगातार बेटे से बात हो रही है। बेटे ने बताया कि भारतीय दूतावास ने यहां के सभी भारतीय स्टूडेंट्स को वॉट्सएप मैसेज भेजकर हालात की जानकारी दी है।
बेटे का कहना है कि वह अपने साथियों के साथ बीच शहर में है और वो क्षेत्र सुरक्षित है। अगर इंडिया लौटा तो उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब होगी। प्रो. गुप्ता ने कहा- हमें मप्र सरकार व भारत सरकार पर पूरा भरोसा है। वह मौजूदा स्थिति में जो भी निर्णय लेगी, वह हित में ही होगा।
इंडियन एंबेसी के फेसबुक पेज पर 25 जनवरी को सिर्फ यह मैसेज आया कि हम परिस्थितियों पर ध्यान दे रहे हैं।
20 दिन से फेसबुक पेज पर कोई अपडेट नहीं आया। मंगलवार को दूतावास ने पत्र जारी किया है।
यूक्रेन से भारत आने वाली कई फ्लाइट्स निरस्त हो चुकी हैं।
जो फ्लाइट्स बाकी हैं, उनमें इंदौर के लिए ढाई से तीन गुना किराया वसूला जा रहा है। पहले किराया 25 से 30 हजार रुपए था, जो अब बढ़कर 70 हजार से अधिक हो गया है।
पेरेंट्स इंडियन एंबेसी से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
यूनिवर्सिटी के प्रोटोकॉल के मुताबिक, इंडियन एंबेसी की जानकारी के बगैर देश लौटने पर एक दिन की 1500 रुपए पेनाल्टी लगेगी। जितने दिन भारत में रहेंगे, उसके लिए पेनाल्टी के तौर पर हजारों रुपए यूनिवर्सिटी को देने होंगे। बिना बताए जाने पर उपस्थिति कम मानी जाएगी और 100 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। इंडियन एंबेसी यदि कह दे कि बच्चों को भेज दीजिए तो न पेनाल्टी देनी होगी और न उपस्थिति का मुद्दा आएगा।