देवास : 130 वर्ष पूर्व विश्व पटल पर गुंजा था, भारत का नाम- चेतन राठौड़

देवास ।  भारत की संस्कृति, सभ्यता और इतिहास को 130 वर्ष पूर्व आज ही के दिन पूरे विश्व ने बेहतर रूप से जाना था,इस लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। 11 सितंबर 1893 शिकागो (अमेरिका) में जब विश्व धर्म सम्मेलन के मंच पर स्वामी विवेकानंद जी ने अपने भाषण के दौरान जो कहा उससे विश्व के समस्त देश के वासी अचंभित रह गए। स्वामी जी ने विश्व के समक्ष भारत की सही पहचान रखी।इसके बाद से ही विश्व मे भारत के प्रति सभी देशों का दृष्टिकोण बदल गया था। स्वामी जी ने सम्मेलन में सभी को भारत की परंपरा और संस्कृति, रीति-रिवाज,धर्म और उनका पालन करने वाले लोगों के व्यक्तित्व से अवगत कराया था। धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहनशीलता और सभी को स्वीकारने का पाठ पढ़ाया है।साथ ही अपने शब्दो के माध्यम से स्वामी जी बे भारत के दर्शन करवाये।

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