मंदसौर : जीवन का उद्देश्य सत्कर्मों से परमात्मा को प्राप्त करना है -भागवत ऋषिश्री तलाई वाले बालाजी मंदिर में संकल्प सिद्धि आयोजन हुआ

मंदसौर ।  नई पीढ़ी को अपने धर्म और परंपराओं की जानकारी देना वर्तमान पीढ़ी का प्रथम कर्तव्य है। सदगुरु और सब ग्रंथ जीवन को हमेशा श्रेष्ठ मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
यह उदगार प्रसिद्ध विद्वान भागवत विद्यापीठ अहमदाबाद के पूज्य श्री भागवत ऋषि ने श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर में व्यक्त किये। आपने कहा कि मनुष्य जीवन केवल भोग विलास के लिए नहीं है जीवन का वास्तविक उद्देश्य अपने सत्कर्मों से परमात्मा को प्राप्त करना है। आपने कहा कि सुखी जीवन के लिए संस्कार होना आवश्यक है। विकास का आधार यदि अध्यात्म होगा तभी वह सार्थक होगा अन्यथा धर्म और अध्यात्म विहीन विकास विनाश का ही दूसरा नाम होता है। कथा प्रवक्ता द्वय पं.दशरथ भाई शर्मा और डॉ देवेंद्र शास्त्री भी मंचासीन थे।
श्री बालाजी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पं. धीरेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि इस मंदिर का नव निर्माण पूज्य भागवत ऋषि की ही प्रेरणा से हुआ है 25 वर्ष पूर्व जब आप मंदसौर में श्रीमद् भागवत कथा प्रवक्ता के रूप में आए थे तब आपने बालाजी मंदिर आ कर मंदिर के नवनिर्माण की श्रद्धालुओं की भावना देख यह कहा था कि आप अपनी कोई भी प्रिय वस्तु का उपयोग या सेवन करना छोड़ने का संकल्प लीजिए बालाजी अवश्य प्रसन्न होंगेऔर आपकी भावना पूरी होगी तब श्री बालाजी के परम भक्त श्रद्धालु बृजमोहन गर्ग ने उनके प्रिय खाद्यान चावल का सेवन त्यागने का संकल्प लिया और अब जबकि मंदिर का निर्माण पूर्ण हो चुका है आगामी जनवरी माह में स्वर्ण कलश की भी स्थापना की जाएगी तो इसी आयोजन में संकल्प सिद्ध होने पर श्री गर्ग को श्री भागवत ऋषि ने अपने हाथों से चावल की खीर का सेवन कराया और उनका संकल्प पूरा होने पर उनका 25 साल से चल रहा संकल्प पूरा होने पर साधुवाद दिया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी ने किया आभार ट्रस्ट सचिव जय प्रकाश सोमानी ने माना।

Author: site editor