शादीशुदा प्रेमी से मिलने बांग्लादेश से राजस्थान आई युवती
टूरिस्ट वीजा लेकर 2200 किमी का सफर, बॉयफ्रेंड की पत्नी से बोली- दोनों साथ रह लेंगे
ब्रह्मास्त्र44 अनूपगढ़
बांग्लादेश की राजधानी ढाका से एक युवती अपने शादीशुदा प्रेमी से मिलने राजस्थान के अनूपगढ़ पहुंच गई। छह महीने पहले दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया ऐप से हुई थी। युवती ने प्रेमी से मिलने के लिए करीब 2200किमी का सफर तय किया। वह टूरिस्ट वीजा लेकर यहां पहुंची है।
रावला (अनूपगढ़) थाना अधिकारी रमेश कुमार ने बताया- उम्मे हबीबा उर्फ हनी (30) के पास टूरिस्ट वीजा मिला है। उसके पास से 2000 बांग्लादेशी मुद्रा (टका) भी मिली है। उम्मे अनूपगढ़ के रावला मंडी के गांव 13 डीओएल के रहने वाले रोशन सिंह (27) पुत्र हंसा सिंह से मिलने आई है। दोनों प्रेमी-प्रेमिका को थाने में रखा गया है। उम्मे से पूछताछ की जा रही है।
स्थानीय पंचायत समिति सदस्य के पति गोपी भूकर ने बताया- बांग्लादेशी उम्मे हबीबा की दोस्ती हमारे गांव के रोशन से 6 महीने पहले ‘याला वॉइस चैट’ के माध्यम से हुई थी। दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों के बीच वीडियो कॉल पर भी बातें होती थीं। अपना प्यार पाने उम्मे हबीबा बांग्लादेश से भारत आई है।
3 सिंतबर की सुबह हबीबा बीकानेर रेलवे स्टेशन पहुंची थी। रोशन उसे लेने बीकानेर पहुंचा। हबीबा 2 दिन रोशन के घर पर रही। मंगलवार दोपहर किसी ने इसकी सूचना रावला थाने में दे दी। सूचना मिलने पर पुलिस ने उम्मे हबीबा और रोशन को थाने में बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी है। रोशन की बहन संतोष कौर (31) ने बताया- हबीबा 3 सितंबर की शाम को घर आ गई थी। वह ढाका से कोलकाता के रास्ते दिल्ली होते हुए बीकानेर पहुंची है।
2 साल पहले हो चुकी है शादी
रोशन की मां कृष्णा बाई ने बताया- रोशन की शादी 2 साल पहले रोजड़ी क्षेत्र की रहने वाली सोमा बाई के साथ हो चुकी है। रोशन के 7 महीने का बेटा भी है। सोमा बाई 3 सितंबर को सुबह सिरसा में पूजा में शामिल होने के लिए गई हुई है। रविवार को हबीबा घर आई। वह हिंदी में बात कर रही थी। उसे पंजाबी भाषा समझ में नहीं आती। हबीबा वापस बांग्लादेश नहीं जाना चाहती। वह भारत में ही रहना चाहती है। हबीबा ने रोशन के परिजनों को बताया था कि बांग्लादेश से आने के कारण उसकी बदनामी हो गई है। उसने बताया कि वह ढाका की रहने वाली है।
रोशन की बहन संतोष कौर बोली- हम तो चाहते हैं कि वह वापस चली जाए। हम भाई का घर बसा हुआ देखना चाहते हैं। हबीबा कहती है कि मैं वापस नहीं जाऊंगी। उसके पास 6 महीने का वैलिड वीजा है। अब वह वीजा पूरा होने के बाद ही जाएगी। संतोष कौर ने बताया कि हबीबा ने उन्हें बताया था कि उसके पांच भाई और एक बहन है। वह छठे नंबर की है। हबीबा के भाई मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।