फसल सूखी देख किसान ने की खुदकुशी, खेत में खा लिया जहर

दो महीने पहले बाढ़ में डूबे थे बैल, सरकार नहीं दे सकी मुआवजा

ब्रह्मास्त्र खंडवा

प्रकृति की मार और ऊपर से सरकार की लापरवाही ने खंडवा के एक किसान की जान ले ली। खेत पहुंचे किसान ने फसल की बबार्दी देख कीटनाशक दवा पी ली। परिवार वाले अस्पताल लेकर आए, जहां उसकी मौत हो गई। मृतक सुखराम के परिजन का कहना है, डेढ़ माह पहले गांव में बाढ़ आई थी तो उसके दोनों बैल बह गए थे। पटवारी फाइल बनाकर ले गया लेकिन मुआवजा नहीं मिला। फसल से उम्मीद लगाए बैठा था। लेकिन, पानी नहीं गिरा तो वो सूख गई। पिछले चार दिन से वह ज्यादा तनाव में था।

घटना पुनासा तहसील के जलवा के पास देत गांव की है। यहां रहने वाला 24 वर्षीय किसान सुखराम पिता फत्तू पत्नी अवलासा के साथ खेत में गया था। पत्नी जब खेत में काम कर रही थी तो सुखराम ने जहर पी लिया। तबीयत बिगड़ी तो वह पास रहने वाले दोस्त लल्लू के घर पहुंचा। लल्लू से उसने जहर पीने की बात कही। लल्लू ताबड़तोड़ बाइक पर बैठाकर उसे पास के अस्पताल ले गया। लेकिन मामला गंभीर था इसलिए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां सुखराम ने दम तोड़ दिया। इस बीच सुखराम के बयान तक नहीं हो पाए। मूंदी पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

भाई चंदू का कहना है कि सुखराम हमारी और उसकी 6 एकड़ जमीन खुद जोतता था। करीब 4 लाख की फसल सूखने से वह तनाव में था। परिवार में पत्नी और डेढ़ साल की एक बेटी है। इधर, पति की मौत को लेकर पत्नी अलवासा को नहीं बताया है।

बादल नहीं बरसे तो आंखों से आंसू बहने लगे थे
चंदू ने बताया सुखराम ने फसल लगाने और जुताई के लिए कर्ज ले रखा था। खेत में कुआं और पास में नदी भी है लेकिन बिजली का वोल्टेज नहीं होने के कारण मोटर नहीं चल पा रही थी और फसल को पानी भी नहीं दे पा रहा था। बादल भी नहीं बरस रहे थे। फसल सूख गई थी। चार दिन पहले ही सुखराम मेरे घर आकर बोल रहा था कि मेरा सब खत्म हो गया। बैल चले गए। फसल चौपट हो गई। उसकी आंखों में आंसू थे। उसे समझाया पर वो फिर बिना कुछ बोले चला गया।

Author: Dainik Awantika