बड़ा फर्जीवाड़ा : ड्राइवर नौकरों या अनपढ़ों के नाम पर बना डाली कंपनी

 

इंदौर। प्रदेश के वाणिज्यिककर विभाग की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। विभाग ने जीएसटी चोरी की आशंका में 4909 फर्म को जांच के दायरे में लिया था। जांच में कई कंपनियां फर्जी निकलीं। इन्हें ऑटो ड्राइवर, नौकरों या अनपढ़ लोगों के नाम से रजिस्टर्ड कराया गया था। उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया।
इस काम में एक नेटवर्क सक्रिय है, जिसमें शामिल लोग फर्जी जीएसटी पंजीयन लेने के लिए आधार सेवा केंद्रों पर जाकर ऐसे लोगों के आधार कार्ड की कॉपी हासिल करते हैं, जो अनपढ़ हों और फोन के मैसेज पर गौर नहीं करते। फिर इन लोगों को झांसे में लेकर उनके मोबाइल नंबर बदलवाने के बहाने आधार सेवा केंद्रों पर आवेदन दिलवाया जाता है और उनके अंगूठे के निशान लेकर आधार कार्ड से जुड़ा नंबर बदलवा लिया जाता है। इस तरह उस शख्स के आधार कार्ड को जीएसटी पंजीयन के आवेदन में शामिल कर लिया जाता है। फर्जी जीएसटी पंजीयन के लिए लगाए गए बिजली बिल और किरायानामा भी फर्जी पाए गए।

किसी परिचित की आईडी पर भी फर्जी जीएसटी पंजीयन

इसी प्रकार कुछ मामलों में फर्जी जीएसटी पंजीयन किसी परिचित की आईडी पर भी बनाई जाती है और कुछ निश्चित भुगतान समय-समय पर उक्त व्यक्ति को किया जाता है। वहीं आवेदन में लगे फोटो और आधार कार्ड के फोटो को देखकर, आधार कार्ड पर दर्ज पते को देखते हुए भी कई मामलों में स्थिति स्पष्ट हो जाती है। उदाहरण के तौर पर 10 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाली कंपनी के डायरेक्टर की तस्वीर में किसी आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति का आधार कार्ड होना, पते के स्थान पर सिर्फ शहर का नाम लिखा होना आदि।

Author: Dainik Awantika