April 18, 2024

इसरो चेयरमैन सोमनाथ ने 29 मई को लांच होने वाले सेटेलाइट की सफलता की कामना की, दीक्षांत समारोह में भी हुए शामिल

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के नाम से अंतरिक्ष में सैटेलाइट होगा। यह जानकारी इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गनाइजेशन (इसरो) के चेयरमैन सोमनाथ श्रीधर पेन्नीकर ने बुधवार को महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन करने के बाद दी।
इसके बाद सोमनाथ कालिदास अकादमी के संकुल भवन में कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने उज्जैन पहुंचकर पहले भगवान महाकालेश्वर के गर्भगृह में पंचामृत अभिषेक पूजन भी किया। सोमनाथ ने भगवान महाकाल से आगामी 29 मई को इसरो से लॉन्च होने वाले नेविगेशन सैटेलाइट की सफलता की कामना भी की। दर्शन के बाद दीक्षांत समारोह में भाग लिया। यहां मीडिया से बात करते हुए एस सोमनाथ ने कहा कि संस्कृत से हम टेक्नोलॉजी के बारे में कर सकते हैं। संस्कृत का योगदान बहुत है। हमारे नए मिशन के लिए प्रार्थना कीजिये। चन्द्रायन -3 का लांच अगस्त में होगा।

नाकामी से भी सीख लेते हैं

सोमनाथ ने बताया कि दुनिया में इसरो अच्छा काम कर रहा है, लेकिन अभी और ज्यादा अच्छे काम करने की जरूरत है। इसरो में काम करने वाले कई वैज्ञानिक लोकल गरीब घर से आते हैं। जीएसएलवी फेल हो गया था, लेकिन अब आप सब 29 मई सोमवार को नया सैटेलाइट लांच के लिए प्रार्थना कीजिए। एस सोमनाथ ने विद्यार्थियों को से कहा कि इसरो को आप जैसे होनहार छात्र छात्राओं की जरूरत है। कई विद्यार्थियों ने सवाल किए, जिसमें एक छात्र ने ब्लैक होल के बारे में सवाल पूछा तो एक ने इसरो के क्वालिटी वर्क के बारे में जाना। इस दौरान सोमनाथ ने चंद्रयान 2 का फेल होने का कारण भी बताया। किसी भी मिशन में नाकामी से सीख लेते हुए आगे बढ़ने की बात कही।

10वीं तक बिना बिजली पढ़ा, रिजल्ट आने से पहले इसरो ने रख लिया

एक छात्रा ने सोमनाथ से उनके जीवन के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि मेरा जन्म केरला के गांव में हुआ। घर में लाइट भी नहीं थी। 10वीं तक बिना लाइट के पढ़ता रहा। गांव का होशियार छात्र था। स्कूल टीचर बनना चाहता था। 12वीं में था, तब एक दिन किसी ने कहा- इंजीनियरिंग में जॉइन कर। मैं इंजीनियरिंग में रेंक होल्डर रहा। बीटेक में पास होने से पहले ही इसरो ने मुझे रख लिया था।