April 19, 2024

इंदौर।  प्रदर्शनकारी वकीलों का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट पाश्चात्य संस्कृति समलैंगिकता को भारत में लागू करती है तो इससे कहीं ना कहीं भारत की सनातन संस्कृति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा । साथ ही हिंदू समाज में पति-पत्नी आपस में शादी करता है लेकिन यहां आदमी आदमी से शादी करने की मान्यता लेने के लिए किया जा रहा है। जो हमारी हिंदू संस्कृति को नुकसान पहुंचाएगा प्रदर्शनकारी वकीलों कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया है कि हिंदू सनातन संस्कृति के कार्य में फेरबदल नहीं किया जाए इस तरह की संस्कृति से लोगो के वंश नहीं बढ़ेंगे। वही महिला अधिवक्ता का कहना है कि न्यायपालिका को अपना कार्य करना चाहिए,जेलों ऐसे कई बंदी है जो न्याय से वंचित है । ओर पिछले 20-20 सालों से जेल में बंद है लेकिन उनके मुकदमे सुनने के बजाय इस पाश्चात्य संस्कृति समलैंगिकता की सुनवाई में लगा हुआ है वही अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया है कि पाश्चात्य संस्कृति समलैंगिकता याचिका को तुरंत खारिज करना चाहिए ।