March 29, 2024

महिदपुर। भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव व जगतगुरू शंकराचार्य जयंती महोत्सव ब्राम्हण समाज ने रविवार को उत्साह के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष्य में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें हजारों की संख्या में नगर व अंचल से समाजजनों ने भाग लिया।
शोभायात्रा जेल रोड स्थित श्री राम मंदिर औदिच्य धर्मशाला से शुरू हुई। जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई पुन: मंदिर पहुंची। डीजे, बैंड पर भजनों की धुन पर युवाओं, महिलाओं की टोली नृत्य कर रही थी। ढोल पर युवतियां गरबा कर रही थी। कई युवा परशुरामजी के शस्त्र फरसे लिए शामिल हुए। वही महिलाएं जहां केसरिया साडी धारण किए थी। वही पुरूष वर्ग श्वते वस्त्र पहने चल रहे थे। चौक बाजार में विश्व शांति के लिए बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया।
शोभायात्रा में बग्गी में स्वामी शैलेशानंदजी गिरी ध्यान श्री (महामंडलेश्वर श्री पंचदशनाम जूना अखाडा) विराजीत थे। जिन्हे प्रणाम कर व पुष्प माला से स्वागत किया। मंदिर पहुंचने के बाद धर्मसभा का आयोजन हुआ। इसके पहले दीप प्रज्वलन स्वामी शैलेशानंदजी गिरी ने किया। बटूकों ने स्वस्ति वाचन किया। स्वामी शैलेशानंदजी गिरी ने अपने उदबोधन में कहा कि सनातन धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए संगठीत होना होगा। वर्तमान में जिस तरह धर्मस्थलों को व्यवसाय बनाया जा रहा है। पवित्र नदियों पर टूरिज्म सेंटर बनाए जा रहे है। यह सब रोकने के लिए संगठीत होकर ब्रम्ह चेतना सत्ताओं को बताना होगी।
स्वामी शैलेशानंदजी गिरी का स्वागत कार्यक्रम संयोजक प्रदीप पंड्या ने किया। स्वागत भाषण प. मधुसूदन दीक्षित ने दिया। कार्यक्रम में आए सभी बटुकों का भी सम्मान जगदीश उपाध्याय, स्वस्तिक ठाकुर, कमलेश उपाध्याय, विकास शर्मा, विकास उपाध्याय, दीपक जोशी, राजेश शर्मा, रणछोड़ त्रिवेदी, दिनेश जोशी, विजय रावल, भुवनेश शर्मा, प्रवीण उपाध्याय, कैलाश जोशी पहलवान, संजय सेवक, डा राजेश जी मेहता, प्रदीप समाधिया, संजय जोशी आदि ने किया। संचालन श्रीराम त्रिवेदी ने किया। आभार महेश रावल ने माना। जानकारी विशाल शर्मा ने दी।
खाचरोद । सर्व ब्राह्मण समाज खाचरोद द्वारा भगवान परशुराम जन्मोत्सव बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। प्रात: 7:30 बजे लक्ष्मीनाथ मंदिर पर भगवान परशुराम जी का अभिषेक पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, तथा साय: 4:30 बजे नगर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ चल समारोह निकाला गया। जिसमें बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित रहे, चल समारोह का विभिन्न स्थानों पर स्वागत कर नवीन अध्यक्ष का साफा बांध कर स्वागत किया गया। समारोह सुनहरिया बाग स्थित नरसिंह मंदिर में जाकर धर्मसभा में परिवर्तित हुआ। जहां ओजस्वी प्रखर वक्ता राष्ट्रीय संत श्री रामस्वरूप जी आचार्य द्वारा संबोधित किया गया। उन्होंने ब्राह्मणों से तिलक जनेऊ और शिखा धारण का संकल्प करवाया। लड़कियों को लड़कों से भी श्रेष्ठ बताते हुए उन्होंने कहा की, प्राचीन भारत से ही गार्गी, अनुसूया, सावित्री जैसी नारियां देश के लिए राष्ट्र हित के लिए लड़ती रही है । आज भी परिवार थोड़ा सहयोग और उत्साह के साथ लड़कियों को आगे बढ़ाएं। पुराने शास्त्र का उन्होंने महत्व बताते हुए कहा की कश्मीर में 500000 कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ना पड़ा उसमें से यदि सो लोग भी अस्त्र-शस्त्र उठा लेते तो इतिहास कुछ और होता। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प भी दिलाया कार्यक्रम में श्री श्यामसुंदर भट्ट,श्री भालचंद्र शास्त्री ,श्री आनंदीलाल व्यास , प्रहलाद जी शर्मा( उस्ताद) ,वेद विनोद गौतम, नगर नवनियुक्त अध्यक्ष विक्रम शर्मा, मनीष शर्मा, श्रीमती यामिनी जोशी, नरेंद्र गौतमी, बबलू शर्मा, शैलेंद्र पंड्या, अखिलेश शर्मा, रवि शंकर शर्मा,(राधेगुरु मोकड़ी) मधुसूदन शर्मा मोकड़ी, अखिलेश शर्मा, बृजेश व्यास, प्रदीप शर्मा, प्रमेंद्र शर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
तनोडिया। स्थानीय सर्व ब्राह्मण समाज तनोडिया के तत्वावधान में आराध्य देव भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर रविवार को भव्य चल समारोह नाका चौक पर स्थित श्रीराम जांनकी मंदिर से सुबह साढे 9 बजे ढोल व डीजे के साथ चल समारोह प्रारंभ हुआ, जो नगर के प्रमुख मार्ग रामलीला चौक, मस्जिद चौक,बडा मंदिर,माकडोन चौपाटी,बस स्टैंड, यादव मोहल्ला, दौलतगंज, पाटीदार मोहल्ला होते हुए। पुन: नाका चौक स्थित श्रीराम जांनकी मंदिर पहुंची। चल समारोह के साथ आतिशबाजी एवं जय जय परशुराम, जयघोष के साथ निकाली गई। चल समारोह का नगरवासियों द्वारा जगह जगह पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। साथ ही मुस्लिम समाज द्वारा भी दो जगहों पर स्वागत किया गया।चल समारोह का समापन श्रीराम जानकी मंदिर में भगवान परशुराम जी महाआरती की गई। जिसमें नगर व आसपास क्षेत्र के आगर से आए समाज के संजय शर्मा, सुरेश शर्मा, बंशीलाल शर्मा, सत्यनारायण शर्मा सभी ब्राह्मण समाज जन, मातृशक्ति बड़ी संख्या में शामिल हुए। चल समारोह में महिला मंडल की सभी बहने एवं मातृशक्ति वेशभूषा में विशेष श्रृंगार के साथ एवं पुरुष वर्ग श्वेत वेशभूषा के साथ केसरिया ध्वज के साथ सम्मिलित हुए।