April 25, 2024

इंदौर। शहर में व्यापारियों पर लादे गए नए ट्रेड लाइसेंस शुल्क का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। सरकार ने नाममात्र के इस शुल्क में भारी बढ़ोतरी के प्रस्ताव किए हैं, जिस पर व्यापारियों ने नाराजगी जताई है। एक के बाद एक व्यापारिक संगठन मुखर होकर सामने आ रहे हैं। सोमवार से इन संगठनों की अलग-अलग बैठकें होंगी। नाराज व्यापारी रविवार को सांसद शंकर लालवानी और महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मिलने पहुंचे।
व्यापारियों ने कहा कि पहले विज्ञापन बोर्ड पर टैक्स लगाया, फिर स्मार्ट सिटी में नक्शों के टैक्स में वृद्धि की। ये मामले होल्ड ही थे और सरकार ने नया नोटिफिकेशन कर दिया। इसके हिसाब से टैक्स लगा तो शहर में सड़क की चौड़ाई के कारण कई बाजारों में व्यापारियों पर 5 से 6 गुना तक टैक्स लग जाएगा। सांसद लालवानी ने भरोसा दिया कि अभी इस टैक्स को लागू नहीं किया है।
उधर महापौर भार्गव ने भी कहा कि निगम इस टैक्स को शुरू नहीं कर रहा। सरकार स्तर पर बात करेंगे। शाम को सांसद ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर कहा नए टैक्स से व्यापारियों पर अतिरिक्त भार आएगा। इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए।

व्यापारियों ने कहा- सरकार निरस्त करे यह टैक्स

मालवा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने महापौर भार्गव के सामने मुद्दा उठाया। महापौर बोले कि इसके पहले भी बोर्ड के टैक्स का विषय हमारे सामने आया था। व्यापारियों के हित में हमने उसे लागू नहीं किया। नए टैक्स को भी लागू नहीं करने का आश्वासन दिया है।
अहिल्या चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल का कहना है अभी जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है। महापौर ने लागू नहीं करने का आश्वासन दिया है। हम चाहते हैं कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर टैक्स निरस्त करे।
कांग्रेस ने नए टैक्स के प्रस्ताव का विरोध किया है। कांग्रेस नेता पिंटू जोशी ने कहा कि एक के बाद एक टैक्स बढ़ाए जा रहे हैं। सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे। कांग्रेस व्यापारी प्रकोष्ठ के अखिलेश जैन ने बताया कि सोमवार से काले झंडे लगाकर विरोध जताएंगे।

10 तरह का टैक्स पहले ही दे रहे हैं व्यापारी

संपत्ति कर, जलकर, स्वच्छता कर, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन, पार्किंग शुल्क जैसे 10 तरह के टैक्स व्यापारी पहले ही दे रहे हैं। खुद की दुकान पर 3 फीट से ऊंचा बोर्ड लगाने के लिए भी टैक्स। इसके लिए हर तीन साल में 11800 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिस एरिया में दुकान है, वहां प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइडलाइन का 4% प्रति वर्गफीट सालाना शुल्क अलग देना होगा। (अभी यह होल्ड है)
स्मार्ट सिटी एरिया में हो रहे निर्माण और उसकी वजह से बढ़ रही प्रॉपर्टी की वैल्यू के आधार पर उन इलाकों में नक्शा शुल्क करीब 1000 रुपए वर्गफीट (हजार वर्गफीट के 10 लाख रुपए) कर दिया है। (इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है)