April 19, 2024

सरकार खुद संज्ञान ले, चुनावी वर्ष में उच्च स्तरीय जांच की दरकार

उज्जैन। विद्युत मंडल उज्जैन के एक बड़े भ्रष्ट अफसर द्वारा लगातार किए जा रहे घोटालों की उच्चस्तरीय जांच की दरकार है। दरअसल, इस घोटाले की जांच के मामले में सरकार को खुद संज्ञान लेना चाहिए। जिस ढंग से भ्रष्ट बड़े अधिकारी ने वसूली अभियान चलाकर विभागीय मातहतों और आम उपभोक्ताओं को भी परेशान कर रखा है , उसे देखते हुए जांच और कार्रवाई दोनों ही बेहद जरूरी है। यह जांच इसलिए भी जरूरी है क्योंकि चर्चाओं में बार-बार यह बात भी सामने आ रही है कि इस घोटाले का पैसा ऊपर तक यानी भोपाल तक पहुंच रहा है। चर्चाओं में यह बात भी सामने आती है कि इस बड़े भ्रष्ट अफसर का कुछ भी बनना बिगड़ना नहीं है, क्योंकि उसके सिर पर “राजधानी” का हाथ है। यदि जांच नहीं होगी तो घोटालेबाज अफसर के हौसले और बुलंद रहेंगे तथा यह संदेश भी लोगों के दिमाग में पुख्ता होता चला जाएगा कि भोपाल तक घोटाले का पैसा पहुंच रहा है।
जांच से यह भी पता चलेगा कि राजधानी मैं पैसा किस स्तर तक पहुंच रहा है या फिर सिर्फ भोपाल की धमकी देकर मंडल के मातहतों और उपभोक्ताओं को डराया जा रहा है। बड़े भ्रष्ट अफसर को इसमें 2 फायदे हैं।पहला तो यह कि इस बहाने वसूली कुछ ज्यादा हो सकती है और दूसरी यह कि लोग भोपाल शिकायत करने से बचेंगे। यदि जांच होगी तो इस बड़े भ्रष्ट अफसर की पोल भी खुल जाएगी।

अफसर के भ्रष्टाचार से सरकार की छवि पर पड़ता है विपरीत असर

यदि वाकई उज्जैन से होते हुए पैसा भोपाल पहुंच रहा है तो वह किन हाथों तक जा रहा है, यह भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कारगर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री कम से कम ऐसे भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगा सकेंगे जो भ्रष्टाचार करने के नए-नए तरीके निकालते रहते हैं। चुनावी माहौल में तब जबकि खुद मुख्यमंत्री प्रशासन में कसावट के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं, आम जनता किसी भी तरह से परेशान न हो इस बात की कोशिश भी की जा रही है। तब यदि कोई बड़ा अफसर भ्रष्टाचार करने के लिए अपने मातहतों और आम उपभोक्ताओं को परेशान करेगा तो कहीं न कहीं सरकार की छवि पर भी असर पड़ता है। दबी जुबां से लोगों का कहना है कि सरकार इस तरह के भ्रष्टाचार पर भी ध्यान दे,जो पर्दे के पीछे से बहुत ही शातिरता के साथ किया जा रहा है।