April 25, 2024

इंदौर। थानों पर मौजूद पुलिस जनता की शिकायत को गंभीरता से ले, इसके लिए पुलिस कमिश्नर ने नया सिस्टम तैयार किया है। थाने जाने वाले हर पीड़ित और शिकायतकर्ता के साथ पुलिस कैसा व्यवहार करती है, इसकी मॉनिटरिंग डीसीपी खुद करेंगे। शिकायत पर क्या एक्शन लिया, पीड़ित को बैठने के लिए कुर्सी दी या नहीं, ऐसी छोटी-छोटी बातों पर भी मॉनिटरिंग रहेगी।
शिकायतकर्ता से 5 प्रश्नों पर फीडबैक लिया जाएगा। इसी के आधार पर थाना प्रभारी और उनके स्टाफ की कार्यशैली व गुणवत्ता की रैंकिंग की जाएगी। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने बताया पीड़ित व शिकायतकर्ताओं के लिए थानों से दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता व मूल्यांकन के लिए ये व्यवस्था हमने लागू की है। इसमें आम जनता की शिकायत सुनने से लेकर उनके साथ थाने में हुए पुलिसकर्मियों के व्यवहार तक की जानकारी ली जाएगी।

ये रहेगा नई व्यवस्था का सिस्टम

हर थाने पर रहेगा रजिस्टर- कितनी शिकायतें आईं, उनका प्रकार, शिकायतकर्ता का नाम, मोबाइल नंबर और शिकायत का विवरण या प्रकार। फिर चाहे वह संज्ञेय अपराध हो या असंज्ञेय। हर थाने में एक विजिटर्स कॉर्नर बनेगा। एक टेबल-कुर्सी होगी। इस पर शिकायतकर्ता और सुनवाई करने वाले अफसर बैठेंगे।

थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी

विजिटर्स रजिस्टर में सभी शिकायतों की टीआई खुद मॉनिटरिंग कर रिकॉर्ड तैयार कर बताएंगे कि ‘कैसी है आपकी पुलिस’। इसके लिए टीआई, हेड कांस्टेबल जिम्मेदार होंगे। किसी भी थाने में विजिटर्स कॉर्नर के रजिस्टर की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी संबंधित एसीपी, एडिशनल डीसीपी और डीसीपी की रहेगी।

सुनवाई करने वाले अधिकारी के व्यवहार की जानकारी

पीड़ित या शिकायतकर्ताओं से एक फीडबैक फॉर्म भरवाया जाएगा। पुलिस की ओर से 5 प्रश्न होंगे। इन्हें खुद विजिटर्स भरेंगे और साइन करेंगे। हर प्रश्न का 1 नंबर रहेगा। इसी से पुलिसकर्मी के कार्य व गुणवत्ता का आकलन कर हर तीन महीने या 6 महीने में रैंकिंग निर्धारित होगी। इसी के आधार पर टीआई व थाने की रैंकिंग निर्धारित होगी।