April 19, 2024

सिर्फ इंदौर में ही 15000 प्रकरण हो रहे सुनवाई के लिए प्रभावित

इंदौर/ उज्जैन। इंदौर, उज्जैन सहित प्रदेश भर में अभिभाषक आज सोमवार भी न्यायालयों में कार्य नहीं करेंगे। आज देर शाम जबलपुर में होने वाली बैठक में तय होगा कि अभिभाषक मंगलवार से काम पर लौटेंगे या कार्य से विरत रहेंगे। हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद शुरू हुआ बेंच-बार विवाद फिलहाल ठहरता हुआ नजर नहीं आ रहा। दोनों ही पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं। हालांकि, इस विवाद में सबसे ज्यादा नुकसान पक्षकारों का हो रहा है। काम के बोझ तले दबे न्यायालयों पर काम का दबाव लगातार बढ़ रहा है। वकीलों के कार्य नहीं करने की वजह से अकेले इंदौर में ही रोजाना लगभग 15 हजार प्रकरण की सुनवाई प्रभावित हो रही है।
अपनी मांग के समर्थन में वकील 23 मार्च से कार्य से विरत हैं। वे किसी न्यायालय में पैरवी के लिए उपस्थित नहीं हो रहे हैं। न्यायालय ज्यादातर मामलों में तारीख आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ प्रकरणों में पक्षकार स्वयं उपस्थित होकर अपना पक्ष रख रहे हैं, लेकिन ये ज्यादा नहीं हैं। वकील हाई कोर्ट के उस आदेश का विरोध कर रहे हैं जिसमें न्यायालयों से हर तीन माह में 25 चिह्नित प्रकरणों का निराकरण करने को कहा गया है। वकील इस आदेश को अव्यावहारिक बता रहे हैं। वहीं, हाई कोर्ट लंबित मामलों की संख्या कम करने का तरीका।

आदेश का वकील कर रहे हैं विरोध

वकीलों का कहना है कि तीन माह में 25 प्रकरणों का हिसाब देखा जाए तो कोर्ट को एक प्रकरण की सुनवाई के लिए ढाई दिन का समय मिल रहा है। किसी भी मामले में ढाई दिन में सुनवाई कर न्याय कर पाना संभव नहीं है। वकीलों का यह आरोप भी है कि काम के दबाव में न्यायालय निर्णय तो कर रहे हैं, लेकिन न्याय नहीं हो रहा। उनका कहना है कि किसी भी प्रकरण में न्याय को समय सीमा में नहीं बांधा जा सकता। आज शाम इस संबंध में राज्य अधिवक्ता परिषद की बैठक भी है। इसी में तय होगा कि वकील मंगलवार से काम पर लौटेंगे या नहीं।