April 26, 2024

 

युवाओं ने खींचा बहराणा साहब का रथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी हुईं शामिलनगर

प्रतिनिधि इंदौर
चेटीचंड के पर्व पर इंदौर में गुरुवार को भगवान झूलेलाल की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा की शुरूआत शाम 5 बजे छत्रीबाग स्थित श्री अखंड ज्योति मंदिर से हुई। शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से गुजरी। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में समाज जन खास तौर पर महिलाएं भी शामिल हुईं।
चेटीचंड उत्सव समिति के तत्वावधान में ये शोभायात्रा निकाली गई। 42 साल से ये शोभायात्रा निकाली जा रही है। सबसे आगे बैंड रहेंगे। शोभायात्रा में वैसे तो कई आकर्षण के केंद्र है, लेकिन मुख्य रूप से बहराणा साहब भी थे। बहराणा साहब विशेष सुसज्जित रथ पर सवार थे। इस रथ को सिंधी समाज के युवा पूरे यात्रा मार्ग पर खींचते हुए चल रहे थे। इसके लिए 50 से ज्यादा युवाओं की टीम बनाई गई थी।
सिंधी समाजजन उनके दर्शन कर आशीर्वाद लेते हुए चल रहे हथे। समिति की ओर से पांच झांकियां भी शोभायात्रा में शामिल थे। इसमें दो झांकियां भगवान झूलेलाल की थी। एक विशेष झांकी शहीद हेमू कालानी पर बनाई गई थी। समिति सचिव अशोक खूबानी ने बताया कि 23 मार्च को शहीद हेमू कालानी का जन्मदिन रहता है। उनकी एक झांकी भी शोभायात्रा में शामिल की गई। एक झांकी राधा-कृष्ण के फाग उत्सव की है। संत कंवरराम जी की झांकी भी समिति द्वारा बनाई गई थी।

दो सिंधी अखाड़े भी शामिल
उन्होंने बताया कि शोभायात्रा में दो सिंधी अखाड़े भी थे। ये अखाड़े इंदौर के ही है, जिसमें सिंधी समाज के बालक-बालिकाएं करतब दिखाते हुए चल रहे थे। दोनों अखाड़े जयजगत कॉलोनी के हैं। इसमें 8 साल से लेकर 68 साल तक के लोग करतब दिखाते हुए चल रहे थे। यह भी शोभायात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र थे।
150 मंचों से हुआ स्वागत
शोभायात्रा के स्वागत के लिए शोभायात्रा मार्ग पर करीब 150 मंच बनाए गए हैं। विभिन्न संगठनों के लोग इस शोभायात्रा का जोरदार स्वागत कर रहे थे। समिति सचिव अशोक खूबानी ने बताया कि शोभायात्रा में पूरे इंदौर के सिंधी समाज के लोग शामिल होते हैं। शोभायात्रा में करीब 70 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। इस बार शोभायात्रा में जो भी वाहन शामिल हुए हैं उनकी एंट्री जयरामपुर कॉलोनी से ही रखी गई थी। शोभायात्रा मार्ग की बात करें तो यात्रा छत्रीबाग स्थित मंदिर से शाम करीब 5 बजे शुरू हुई। जो नृसिंह बाजार, सीतलामाता बाजार, खजूरी बाजार, राजवाड़ा, यशवंत रोड, हरसिद्धि, शहीद हेमू कालानी चौराहा, पलसीकर, संत कंवरराम ब्रिज, स्वामी प्रीतमदास मार्ग होते हुए सिंधी कॉलोनी पहँुची, जहां यात्रा का समापन हुआ।