March 29, 2024

ब्रह्मास्त्र ग्वालियर

मुरैना जिला जेल के डिप्टी जेलर हरीओम पाराशर लोकायुक्त के छापे में करोड़पति साबित हुए हैं। डिप्टी जेलर की सैलरी 53 हजार रुपए है। नौकरी लगने से लेकर अब तक 70 लाख 13 हजार 130 रुपए सैलरी मिली है, लेकिन इन्होंने 1 करोड़ 52 लाख 84 हजार 326 रुपए अपने ऐश-ओ-आराम पर खर्च कर दिए। यानी सैलरी से 118% ज्यादा। डिप्टी जेलर के मुरैना और ग्वालियर के ठिकानों पर शनिवार को लोकायुक्त पुलिस ने रेड की थी। कैनरा बैंक में लॉकर होने का भी पता चला है। अब लोकायुक्त पुलिस जेलर के घर से मिले दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। लोकायुक्त टीम को देखकर डिप्टी जेलर बेहोश तक हो गए, लेकिन कार्रवाई जारी रखी गई।
बीवी बच्चों के नाम 5 बैंक खातों में लाखों जमा कराए- शनिवार को मुरैना और ग्वालियर में डिप्टी जेलर हरीओम पाराशर के दो ठिकानों पर लोकायुक्त के छापे के बाद पता चला कि गोला का मंदिर ग्वालियर स्थित उनके फ्लैट में 4 लाख 52 हजार 553 रुपए कीमत का सामान मिला। इसे जेलर ने अपनी सैलरी से खरीदना बताया। मुरैना जिला जेल के सरकारी आवास में भी 1 लाख 28 हजार रुपए कीमत का सामान पाया गया। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने पड़ताल में पाया कि डिप्टी जेलर पाराशर का ग्वालियर के कृष्णा नगर में दूध डेयरी के पास 3 मंजिला मकान है। इसका फिनिशिंग का काम चल रहा है। बैंकर्स कॉलोनी में उनका 1500 स्क्वायर फीट का प्लॉट है। गोकुल विहार में 1600 स्क्वायर फीट का एक और प्लॉट उन्होंने खरीदा है। गोला का मंदिर के फ्लैट पर डिप्टी जेलर के पास दो बीमा पॉलिसी पाई गईं। छापे के दौरान लोकायुक्त पुलिस ने डिप्टी जेलर हरीओम पाराशर के घर से नकद 12 लाख 48 हजार 720 रुपए जब्त किए। पत्नी और बच्चों के नाम से 6 बचत खातों लगभगर 43 लाख रुपए जमा पाए गए। यह नकदी 2001 में नौकरी शुरू करने के बाद से अभी तक की पूंजी है। घर में मारुति स्विफ्ट डिजायर कार मिली। वैगनआर का बेचा जाना पाया गया। घर में जुपीटर स्कूटी भी मिली।
डिप्टी जेलर का मुरैना स्थित सरकारी बंगला। डिप्टी जेलर ने कैसे प्रॉपर्टी खरीदी और कैसे इतनी कमाई की इसकी जांच की जा रही है।
डिप्टी जेलर का मुरैना स्थित सरकारी बंगला। डिप्टी जेलर ने कैसे प्रॉपर्टी खरीदी और कैसे इतनी कमाई की? इसकी जांच की जा रही है।
एक साथ मुरैना और ग्वालियर में रेड

हरीओम पाराशर मुरैना जेल में पदस्थ हैं। ग्वालियर में गोला का मंदिर स्थित कृष्णा अपार्टमेंट के घर पर शनिवार सुबह 7 बजे लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई की। मुरैना जेल परिसर स्थित आवास पर भी इसी समय लोकायुक्त टीम पहुंची। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार इनकी अब तक की आमदनी 70 लाख 13 हजार 130 रुपए है। छापे में 1 करोड़ 82 लाख 84 हजार 326 रुपए का खुलासा हुआ है, जो कि आमदनी से 118 प्रतिशत है। यह उन्होंने कैसे खरीदी और कैसे इतनी कमाई की? इसकी जांच की जा रही है।

ये प्रॉपर्टी मिली

2400 स्क्वेयर फीट का प्लॉट। इसमें तीन मंजिला मकान बना हुआ है।
बैंकर्स कॉलोनी मुरार में 1500 स्क्वेयर फीट का प्लॉट।
सिटी सेंटर गोकुल विहार में 1600 स्क्वेयर फीट का प्लॉट।
कृष्णा अपार्टमेंट में एक फ्लैट। ससुर के नाम से है। लेकिन, कई साल से जेलर और उनका परिवार रह रहा है।
दो फोरव्हीलर, एक टूव्हीलर।
कई बैंकों में 6 बचत खाते, 5 एफडी, 2 बीमा पॉलिसी
ग्वालियर स्थित फ्लैट में 4 लाख 52 हजार 533 रुपए का सामान।
मुरैना स्थित शासकीय बंगले में 1 लाख 28 हजार का सामान।
फ्लैट में 12 लाख 48 हजार 720 रुपए कैश।
17 लाख 87 हजार 650 रुपए के सोने-चांदी के जेवर।
30 लोगों की टीम ने एक साथ मारा छापा

लोकायुक्त की दो टीमें बनाई गईं। इसमें तीस लोग शामिल थे। इस टीम ने ग्वालियर और मुरैना में एक साथ छापा मारा है। टीम में डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर, राघवेंद्र ऋषीश्वर, कविन्द्र सिंह चौहान, इंस्पेक्टर आराधना डेविस, ब्रजमोहन नरविरया, भरत शामिल थे।

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज

लोकायुक्त रढ रामेश्वर यादव का कहना है कि जेलर की जनवरी 2022 में शिकायत हुई थी। इसके बाद जांच हुई, तो संपत्ति का खुलासा हुआ। शनिवार को उनके ग्वालियर और मुरैना स्थित दो ठिकानों पर छापा मारा। फिलहाल भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

वारंट पढ़कर बिगड़ी डिप्टी जेलर की तबीयत
लोकायुक्त रढ आरएस यादव ने बताया कि डिप्टी जेलर हरीओम पाराशर के खिलाफ लोकायुक्त में जनवरी 2022 में शिकायत की गई थी। इस शिकायत पर जांच के बाद शनिवार को ग्वालियर में प्राइवेट और मुरैना में सरकारी आवास पर कार्रवाई की गई। ग्वालियर में गोला का मंदिर स्थित आवास पर सुबह लगभग 7 बजे डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर और निरीक्षक कवींद्र सिंह चौहान ने टीम के साथ दस्तक दी। दरवाजा डिप्टी जेलर ने ही खोला। टीम ने जब उन्हें वारंट थमाया तो वारंट पढ़कर उन्हें चक्कर आ गए और तबीयत बिगड़ गई। इस पर तत्काल टीम के साथ एम्बुलेंस से गए दो डॉक्टर ने डिप्टी जेलर का परीक्षण किया तो उन्हें बीपी की परेशानी पाई गई। कुछ देर बाद वह सामान्य हो गए।