April 20, 2024

उज्जैन। एक तरफ शिवराज सरकार बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है, लेकिन शिक्षक इस पर पलीता लगाने में तुले हुए हैं। ताजा मामला उज्जैन के समीप ग्राम नवाखेड़ा से आया है। जहां शिक्षक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की बजाय उनसे मजदूरी करा रहे हैं।

स्कूल में बच्चे कर रहे हैं मजदूरी

मामला इंदौर रोड पर स्थित ग्राम नवाखेड़ा के शासकीय मिडिल स्कूल का है। बताया जा रहा है कि यहां पर विद्यालय के परिसर में गिट्टी व चूरी पड़ी थी मजदूरी न देनी पड़े इसलिए शिक्षक मासूम बच्चों से स्कूल परिसर में पड़ी गिट्टी व चूरी उठवाकर पेशेवर मजदूरों की तरह बच्चों से मजदूरी करा रहे हैं। स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों को श्रमिक की तरह काम करते हुए देखा तो दैनिक अवंतिका के संवादाता इन तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद कर लिया। इस बारे में पता चला तो बच्चों के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया है।
इस मामले में मजदूरी कर रहे बच्चों का कहना है कि शिक्षक के कहने पर हम यहां मजदूरी का काम कर रहे हैं। बच्चों ने बताया कि सुबह विद्यालय आने के कुछ देर बाद से ही हमें मजदूरी का काम कराया जा रहा है। आए दिन शिक्षकों के द्वारा हमसे इस तरह का काम कराया जाता है। उधर, इस मामले में छात्र-छात्राओं के परिजनों का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते हैं क्योंकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके जबकि स्कूल में उनसे मजदूरी कराई जा रही है। कलम थामने की उम्र में बच्चों के हाथों में स्कूल प्रबंधक द्वारा तगारी फावड़ा थमाया जा रहा है।

पढ़ने लिखने के लिए स्कूल में भेजते हैं मजदूरी के लिए नहीं

परिजनों ने कहा कि बच्चे पढ़-लिखकर काबिल बने इसके लिए हम कठोर परिश्रम करते हैं और बच्चों को स्कूल भेजते हैं, फावड़ा चला रहे बच्चे के पिता नहीं है बच्चे की मां ने कहा पढ़ लिखकर काबिल बन सके इसलिए उसे स्कूल में डाला था लेकिन जब उन्होंने बच्चे को स्कूल में फावड़ा चलाते देखा तो वह दुखी हो गई और कहने लगी की हमारे बच्चे स्कूल जाकर शिक्षा पाने की जगह मजदूरी का काम कर रहे हैं। यह काफी दुर्भाग्य की बात है।

शिक्षा विभाग नहीं ले रहा है कोई एक्शन

उज्जैन में शिक्षा विभाग ना होने के बराबर है क्योंकि सरकारी स्कूलों में जो छात्रों के साथ अत्याचार हो रहा है उसके खिलाफ उज्जैन शिक्षा विभाग द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जाता है साथ ही प्राइवेट स्कूलों की भी मनमानी जारी है। प्राइवेट स्कूलों में कई समय से कमीशन का लंबा खेल चल रहा है। स्कूल की यूनिफार्म से लेकर पेन, पेंसिल, कॉपी, किताब तक पर स्कूल प्रबंधन का मोटा कमीशन है। इस कमीशन के खेल में बच्चों के पालको को लूटा जा रहा है। जिसकी शिकायतें भी शिक्षा विभाग तक पहुंचती है लेकिन अभी तक विभाग ने इन प्राइवेट स्कूलों की भी मनमानी पर लगाम नहीं लगाई है।