April 20, 2024

इंदौर। ठेकेदार एजेंसियां होंगी रजिस्टर्ड, नाममात्र का शुल्क लगेगा, अभी 10 से 15 हजार तक वसूल लेते हैं

इंदौर। घर की ड्रेनेज चोक होने के बाद मनमानी वसूली और सुधार में लेटलतीफी से परेशान लोगों को राहत मिलने वाली है। नगर निगम ने इसके लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत एक टास्क फोर्स बनाई जा रही है जो लोगों के वॉशरूम और घर की ड्रेनेज लाइन चोक होने की सूचना मिलने पर तुरंत जाकर समाधान करेगी। इसका लोगों को नाममात्र का शुल्क देना होगा। शुल्क का निर्धारण मकान की साइज के हिसाब से कुछ दिन में महापौर परिषद करेगी। सूचना निगम के एप 311 पर देना होगी।
अभी तक घर के बाहर की लाइनों की सफाई तो नगर निगम करवा देता है लेकिन घरों के अंदर की सीवरेज लाइनों को ठीक करने के लिए निजी कामगार 10 से 15 हजार तक वसूल लेते हैं। इसे देखते हुए निगम प्रशासन ने यह प्लान तैयार किया है। प्लम्बर सहित अन्य सेवाएं निगम उपलब्ध करवाएगा। ठेकेदार एजेंसियों को रजिस्टर्ड करेंगे। शुल्क निगम के खाते में जमा होगा। काम होने के बाद ही एजेंसी को भुगतान होगा।

रोज आती हैं 100 शिकायतें

शहर की सीवरेज की समस्या के समाधान के लिए निगम अब तक करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है। पुरानी लाइनों को बदलने के लिए जेएनएनयूआरएम से 265 करोड़ मिले। उसके बाद नाला टैपिंग के तहत 100 करोड़ का वह एक अन्य बजट 150 करोड़ का मिला।
निगम ने खुद के मद से भी 60 से 70 करोड़ रुपए खर्च किए। इसके अलावा 12 एमएलडी, 78 एमएलडी के एसटीपी के लिए 320 करोड़ खर्च किए। कुल मिलाकर 800 से 900 करोड़ रुपए सीवरेज व एसटीपी पर खर्च किए गए। इसके बावजूद निगम में रोजाना गंदे पानी, सीवरेज, चैंबर के ढक्कन टूटने आदि की 100 शिकायतें पहुंचती हैं।
टास्क फोर्स को 4 जोन में बांटेंगे, हर जोन में 21 वार्ड रखेंगे। घरों के अंदर नालियों की सफाई के साथ बाहर की लाइनों और चैंबर्स की सफाई की नियमित व्यवस्था के लिए शहर को चार जोन में बांटकर टास्क फोर्स काम करेगी। एक जोन में 21 वार्ड को लेंगे। टॉस्क फोर्स उन क्षेत्रों में सीवरेज व चैंबर्स को क्लीन करेगी।
इस तरह एक वार्ड का नंबर 20 दिन में फिर से आएगा। यानी उसी वार्ड में टीम 20 दिन बाद पहुंचेगी।