April 26, 2024

रुपए नही देने पर गर्भवतियों को किया जा रहा रैफर, अस्पताल में जमकर हुआ हंगामा

ब्रह्मास्त्र मनीष नागर. शाजापुर

जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर को रोकने के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित कर अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराने के हेतु लोगों को प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन निजी अस्पतालों की तर्ज पर ही शाजापुर जिला अस्पताल में सरकार की मंशा को पलीता लगाते हुए महिला चिकित्सक और स्टॉफ नर्सों के द्वारा गरीबों के साथ लूटपाट की जा रही है। शाजापुर अस्पताल में लंबे समय से स्टॉफ नर्सों के द्वारा सामान्य प्रसव के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। जबकि महिला चिकित्सक स्मितासिंह के द्वारा मुफ्त में होने वाले आॅपरेशन के नाम पर भी अवैध रुप से वसूली की जा रही है। रुपया नही देने पर स्मितासिंह के द्वारा गर्भवतियों को जटिलता का हवाला देकर इंदौर रैफर किया जा रहा है। डॉ स्मितासिंह के इसी व्यवहार से परेशान गर्भवती के परिजनों ने शनिवार को जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया। दरअसल शुक्रवार को शहर के ज्योति नगर में रहने वाली तरन्नुम को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां मौजूद महिला चिकित्सक स्मितासिंह ने अस्पताल में आॅपरेशन के नाम पर 13 हजार रुपए की राशि जमा करने की बात कही। तरन्नुम के परिजनों का आरोप है कि उन्होने स्मितासिंह से रुपया ज्यादा होने की बात कही तो उसने 12 हजार रुपए देने के बाद ही आॅपरेशन करने को कहा। परिजनों ने बताया कि उन्होने स्मितासिंह को 7 हजार रुपए देने की हामी भरी, परंतु इसके बाद भी तरन्नुम का आॅपरेशन करने की बजाय शनिवार को उसे इंदौर रैफर करने लगी, इस पर हंगामा करना पड़ा। इधर घटना की जानकारी लगने पर कांग्रेस नेता भी मौके पर पहुंचे और जमकर हंगामा हुआ। तत्पश्चात सिविल सर्जन डॉ बीएस मैना ने तरन्नुम का अस्पताल में ही नि:शुल्क आॅपरेशन कराया।

नि:शुल्क होने वाले आॅपरेशन के वसूल रहे 12 हजार
उल्लेखनीय है कि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार शासकीय अस्पतालों को हाईटेक करने में जुटी हुई है और जटिल गर्भवती प्रकरणों के मामलों में महिलाओं के जिला अस्पताल में नि:शुल्क आॅपरेशन की सुविधा भी दी गई है, परंतु शाजापुर जिला अस्पताल की महिला चिकित्सक स्मितासिंह लोगों से आॅपरेशन के नाम पर 12 हजार रुपए की अवैध वसूली कर रही हैं। इतना ही नही आॅपरेशन की राशि नही देने पर गर्भवती महिलाओं को इंदौर या उज्जैन रैफर किया जा रहा है। जिला अस्पताल में चल रहे अवैध वसूली के इस गौरखधंधे को लेकर पूर्व में जिले के प्रभारी मंत्री बृजेंद्रसिंह यादव भी नाराजी जाहिर कर चुके हैं और डॉ स्मितासिंह को निलंबित करने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की दयादृष्टि और मिलीभगत के कारण अब तक स्मितासिंह पर कोई कार्र्रवाई नही हुई है। नतीजतन अस्पताल में गरीबों की जेब पर डाका डालने का सिलसिला जारी है।

सामान्य प्रसव के भी दो हजार
जिला अस्पताल में सामान्य प्रसव के नाम पर गरीब परिवारों से स्टॉफ नर्सों के द्वारा दो हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। इसीके साथ महिला सफाईकर्मी और सुरक्षाकर्मी भी दो सौ रुपए की वसूली कर रहे हैं। रुपया नही देने पर गर्भवती और उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। गौरतलब है कि शाजापुर जिला अस्पताल में एक ही व्यक्ति के पास सफाई का ठेका होने की वजह से महिला सफाई कर्मचारियों ने भी गर्भवती के परिजनों से 200 रुपए तक की वसूली करना शुरू कर दिया है। दिनभर में दर्जनों लोगों से वसूली कर सफाई और सुरक्षाकर्मी मोटी रकम कमा रहे हैं।

मनमानी से नही आ रहे बाज
उल्लेखनीय है जिला अस्पताल से प्रतिदिन गर्भवती महिलाओं को जटिलता के नाम पर रैफर किया जा रहा है। साधन-संसाधन होने और कई बार हंगामा होने के बाद भी जिम्मेदार अपनी मनमानी से बाज नही आ रहे हैं और यही वजह है कि जिला अस्पताल से गर्भवती महिलाओं को इंदौर रैफर किए जाने का कार्य बंद नही किया गया है। हालांकि जिस व्यक्ति के द्वारा प्रसव के लिए अवैध रुपए दिए जाते हैं उनके सभी प्रकार के आॅपरेशन बिना किसी रूकावट के अस्पताल में किए जा रहे हैं, जबकि रुपया नही देने पर जटिलता का हवाला देकर उज्जैन और इंदौर का रास्ता दिखाया जा रहा है। गतदिनों भी अस्पताल से जटिलता का हवाला देकर गर्भवती को इंदौर रैफर किया गया। उक्त महिला का एम्बुलेंस 108 स्टॉफ की सुझबूझ से रास्ते में ही सुरक्षित प्रसव हुआ और महिला और उसके बच्चे की जान बच गई। अब जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवालिया निशान इसलिए भी लगता है कि अब तक शाजापुर अस्पताल से जितनी भी गर्भवतियों को जटिलता का हवाला देकर रैफर किया गया है, उनमें से अधिकांश गर्भवती महिलाओं का इंदौर अस्पताल में सामान्य प्रसव हुआ है।

इनका कहना है
गर्भवती महिला से आॅपरेशन करने के नाम पर अवैध रुपयों की मांग करने की लिखित शिकायत मिलने पर संबंधित महिला चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में सुरक्षाकर्मियों के द्वारा अवैध वसूली करना सामने आया था, जिस पर उन्हे हटाया गया गया था। शिकायत के आधार पर जांच कराकर कार्रवार्ई करेंगे।
-डॉ बीएस मैना, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल शाजापुर।