March 28, 2024

कांच फोड़कर यात्रियों को निकाला, चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा टला

इंदौर। सत्यसाईं चौराहे के नजदीक बीआरटीएस पर गुरुवार शाम को आई बस जलकर खाक हो गई। घटना के समय बस में करीबन 30 यात्री सवार थे। चालक और बस स्टाप पर तैनात एक कर्मचारी ने सूझबूझ से यात्रियों को उतार दिया, नहीं तो बड़ी जनहानि हो सकती थी। मौजूद लोगों ने फायर ब्रिगेड के आने के पहले चौराहे की बिल्डिंग से पानी लाकर आग बुझाई। बस के कांच टूटने से कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आईं हैं। कुछ सालों में यह इस तरह की चौथी बड़ी घटना है। बस पूरी तरह जल कर खाक हो गई है। घटना शाम पौने पांच बजे हुई। सीएनजी चलित आई बस एमपी 09 पीए 0204 राजीव गांधी चौराहे से निरंजनपुर की ओर जा रही थी। बस में चालक ताराचंद्र शर्मा सहित करीब 25 से अधिक यात्री सवार थे।
सत्यसाईं चौराहे पर बने स्टाप के समीप बस की छत से धुआं निकलने लगा। यह देखकर चालक शर्मा ने बस को करीब 20 मीटर आगे बढ़ा लिया और यात्रियों से तुरंत उतरने को कहा। तभी बस की छत में आग की लपटें दिखने लगीं।
एआईसीटीएसएल के इलेक्ट्रिशियन शिवम वर्मा ने यह देखा तो अपने प्लायर से बस के कांच तोड़ने शुरू कर दिए और ताबड़तोड़ यात्रियों को बाहर निकालने लगा। एआईसीटीएसएल की पीआरओ माला सिंह ठाकुर ने बताया कि बस में आग संभवत: शार्ट सर्किट से लगी है, लेकिन इसकी जांच की जाएगी। यह सीएनजी बस 2019 में ही आई थी। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।

मदद के लिए आगे आ गए लोग

प्रत्यक्षदर्शी राहुल चौहान ने बताया कि मैं हेडक्वार्टर बिल्डिंग के पास खड़ा था। तभी अचानक बस रुकी और उसकी छत में से धुआं निकलने लगा। पहले तो मैं वीडियो बनाने लगा। लेकिन अचानक मैंने देखा कि बस में यात्री हैं। जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। हम लोग बस के पास आग बुझाने के लिए पहुंचे। इसके बाद बिल्डिंग में लगे पाइप की मदद से आग बुझाना शुरू किया। यात्रियों को जहां से जगह मिली वहां से उतर गए।

जान बचाने वाले श‍िवम की जुबानी

श‍िवम वर्मा ने बताया कि मैं उस समय स्टाप पर ही था। अचानक धुआं देखा तो पहले कुछ समझ ही नहीं आया। फिर मैंने अपने प्लायर की मदद से बस के कांच तोड़ने शुरू किए। इसी बीच अंदर और स्टाप पर रखे फायर उपकरण लाकर लोग आग बुझाने लगे। आसपास के लोगों ने आकर मदद की इसके बाद आग पर काबू पाया। तब तक फायर ब्रिगेड भी आ गई थी।

कुछ देर पहले थे 70 यात्री

एआईसीटीएसएल प्रबंधन जहां घटना के समय 25 से अधिक यात्री होने की बात कहता रहा। वहीं बस में सवार यात्री अकुंश आचार्य का कहना था कि मैं भंवरकुआं से बैठा था। शाम के समय छात्र ही ज्यादा सवार होते हैं। सत्यसाईं चौराहे पर बस में कम यात्री बचे थे। बस में आवाज आई तो ड्राइवर ने आगे ले जाकर गाड़ी रोक दी थी। उन्होंने सभी से उतरने के लिए कहा, लेकिन बस के दरवाजे बंद थे। कुछ लोगों ने बस के कांच फोड़ दिए, ताकि हम बाहर आ सकें।