अब इंदौर शहर में प्रवेश करते ही संदिग्ध वाहनों को पहचान लेंगे स्पेशल कैमरे

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से ट्रैफिक को बेहतर बनाने के साथ शहर में प्रवेश के प्रमुख 10 मार्गों पर विशेष चौकसी का होगा इंतजाम

इंदौर। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से ट्रैफिक को बेहतर बनाने के साथ शहर में प्रवेश के प्रमुख 10 मार्गों पर विशेष चौकसी का इंतजाम किया जाएगा। इसके अलावा इनका डाटा भी रखा जाएगा। इन कैमरों में माध्यम से पुलिस को अपराध कर भागने वालों की जांच में मदद मिलेगी। इन सिस्टम में पुलिस गुम वाहन, संदिग्ध वाहन की जानकारी वाले ‘हाट लिस्टेड नंबर’ को फीड कर देगी। जैसे ही वह वाहन इन कैमरों के सामने से गुजरेगा पुलिस को अलर्ट मिल जाएगा। इस तरह अपराधियों को पकड़ने में यह सिस्टम काफी कारगर रहेगा। इसमें इंदौर व प्रदेश ही नहीं देशभर के हाट लिस्टेट नंबर को डालकर संदिग्ध वाहन की पहचान की जा सकेगी।
आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत 29 करोड़ रुपये की लागत से विशेष ट्रैफिक सिग्नल व सीसीटीवी कैमरे लगाने का जिम्मा निजी कंपनी को दिया गया है। कंपनी के प्रतिनिधि पुलिस अफसरों के साथ 10 प्रमुख मार्गो पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए सर्वे कर चुके हैं। इसके अलावा विशेष तरह के ट्रैफिक सिग्नल व कैमरे लगाने के लिए 50 स्थानों का चयन भी किया जा रहा है। इसमें बीआरटीएस के 12 चौराहे हैं।

कंट्रोल कमांड सेंटर से 24 घंटे की जाएगी निगरानी

आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत शहर में लगाए जाने वाली ट्रैफिक सिग्नल व सीसीटीवी कैमरों को एआईसीटीएसएल परिसर में बने कंट्रोल कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। यहां बैठे पुलिसकर्मी 24 घंटे वाहनों की आवाजाही के साथ शहर की गतिविधियों की निगरानी कर सकेंगे। शहर में प्रवेश के मार्गो पर लगे कैमरों का डाटा भी कुछ दिनों तक स्टोर कर रखा जाएगा।

तीन साल में चार बार हुए टेंडर

स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा विगत तीन वर्षों में चार बार इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किए गए। तीन बार जारी के टेंडरों में कंपनियों ने रुचि नहीं ली थी। इसके अलावा पहले इस प्रोजेक्ट में पहले ट्रैफिक सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे से ही मानिटरिंग तय की गई थी। हालांकि बाद में इसमें वाहनों की गति की निगरानी के लिए रेडार सिस्टम को भी जोड़ा गया। इस तरह के फेरबदल के बाद चौथी बार में इस प्रोजेक्ट के लिए एजेंसी फाइनल हुई।

Author: Dainik Awantika