April 19, 2024

उज्जैन। नगर निगम ने आय का स्त्रोत्र बनाने के लिये निगम परिसर में ही पेट्रोल पम्प का निर्माण शुरू कराया था। चार माह पहले बन कर तैयार हो चुका पम्प अब बस स्टॉप बना दिखाई दे रहा है। प्रतिदिन महापौर से लेकर अधिकारी, पार्षद नगर निगम आते है, लेकिन किसी को भी निमार्णाधीन पम्प की हालत दिखाई नहीं दे रही है।
नगर निगम के वाहनों में प्रतिदिन लाखों का डीजल-पेट्रोल भराने के लिये निगमकर्मियों को पुलिस लाइन स्थित पेट्रोल पम्प के साथ दूसरे पेट्रोल पम्पों तक पहुंचना पड़ता था। जहां आये दिन विवाद की स्थिति बनती थी। जिसके बाद निगम ने अपना खुद का पेट्रोल पम्प बनाने का निर्णय लिया और आय के स्त्रोत बढ़ाने की योजना तैयार की। गर्मियों से पहले निगम कार्यालय के समीप ही इंडियन आॅयल के पेट्रोल पम्प का निर्माण शुरू किया जो मई माह में पूरी तरह से तैयार हो गया। पांच माह से पम्प शुभारंभ की राह देख रहा है, जिसका संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। दीपावली के बाद से पम्प बस स्टॉप बना नजर आ रहा है। यहां प्रायवेट बसों की पार्किंग की जा रही है। जो 24 घंटे पम्प परिसर में ही खड़ी रहती है। निगम कार्यालय में प्रतिदिन महापौर, निगामायुक्त, अधिकारी और पार्षद आते-जाते हैं, लेकिन किसी का भी ध्यान अपनी ही संपत्ति पर नहीं जा रहा है। अगर कुछ माह ऐसे ही हालत बने रहे तो पेट्रोल पम्प के निर्माण में लगाई गई राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी।