April 24, 2024

ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने एक और लेटर बम फोड़ कर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किल बढ़ा दी है। सुकेश ने अपने इस पत्र में लिखा है कि अगर मेरी बात गलत निकली तो मैं फांसी के लिए तैयार हूं, लेकिन अगर आरोप सही साबित हुए तो क्या आप भी इस्तीफा दे देंगे?

सुकेश ने 3 पन्नों की इस नई चिट्ठी में कुल 7 पॉइंट्स में कहा कि केजरीवाल और उनके साथी कह रहे हैं मैं जानबूझकर चुनाव के समय यह सब कर रहा हूं, और ऐसा तब क्यों नहीं किया जब ईडी और सीबीआई मुझसे सवाल पूछ रहे थे। सुकेश ने खुद ही इसका जवाब देते हुए कहा कि पहले मैं चुप रहा और सब कुछ इग्नोर किया, लेकिन जेल प्रशासन के द्वारा लगातार मिल रही धमकियों और दबाव को झेलना मुश्किल हो गया। आपने और सत्येंद्र जैन पंजाब चुनाव, गोवा चुनाव के दौरान फंडिंग के लिए मुझ पर दबाव डाला, जबकि मैं जेल में बंद हूं, इसीलिए मुझे मजबूरी में कानून का सहारा लेना पड़ा। आप अपनी पुराने स्टाइल की इस ड्रामेबाजी को बंद करो, यह बहुत साफ है और सभी देख सकते हैं कि आप इस मुद्दे को दबाना और डायवर्ट की कोशिश कर रहे हैं। सुकेश ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आगे लिखा है कि सत्येंद्र जैन क्यों मुझसे लगातार पूर्व डीजी संदीप गोयल और जेल प्रशासन के खिलाफ शिकायत को वापस लेने के लिए कह रहे थे, और मुझे आपके चुनाव अभियान के लिए फंड देने के लिए धमकियां क्यों दी जा रही थीं? अगर आप सच्चे हैं तो आप जांच से क्यों डर रहे हैं?

सुकेश ने आगे लिखा, ह्यकेजरीवाल जी और मनीष जी ने कहा कि मैं यह सब इसलिए कर रहा हूं क्योंकि इससे मेरे केस में मदद मिलेगी? मैं बता दूं कि वह गलत सोच रहे हैं। मुझे किसी की मदद नहीं चाहिए और मैं खुद अपना केस लड़ने और अपनी बेगुनाही साबित करने में सक्षम हूं, इसलिए असल मुद्दे से भटकाने की कोशिश मत कीजिए।

उसने कहा कि केजरीवाल जी, आपके प्रवक्ता सौरभ जी और आतिशी जी पूछते हैं कि सुकेश कौन है? बहुत से लोग मुझे नहीं जानते। यह भी पूछा गया कि क्या मैं सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र हूं?

सुकेश ने कहा कि केजरीवाल जी अगर मेरे द्वारा लगाए दिल्ली के उपराज्यपाल के पास उठाए गए मुद्दे गलत पाए जाते हैं तो मैं फांसी पर लटकने के लिए भी तैयार हूं, लेकिन क्या आप आरोप साबित होने पर सियासत छोड़ देंगे? यदि आरोप गलत है तो आपको सीबीआई जांच का स्वागत करना चाहिए। ‘जय श्री राम।ह्ण