April 19, 2024

उज्जैन। बाबा महाकाल मंदिर के साथ ही अब श्री महाकाल महालोक भी विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने लगा है। रविवार को एक बार फिर धार्मिक नगरी में सुबह से ही सैलाब उमड़ता दिख रहा था। दोपहर बाद यातायात व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। भीड़ प्रबंधन नाकाम नजर आने लगा था।
11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा महाकाल की नगरी में धार्मिक संस्कृति, ऋषि मुनियों की कलाकृति के साथ ही 108 स्तंभों से सुसज्जित श्री महाकाल महालोक का लोकार्पण किया था। उसके बाद से ही धार्मिक नगरी में महालोक को देखने के लिए पर्यटको का सैलाब उमड़ रहा है। रविवार को एक बार फिर एकाएक महालोक और महाकाल मंदिर की ओर जाने वाले मार्गो पर भीड़ का दबाव बढ़ गया था।
दोपहर बाद इंदौर रोड फोरलेन हरिफाटक ब्रिज की ओर जाम की स्थिति बनती दिखाई दे रही थी। 2 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और शाम को शिप्रा में होने वाले दीपदान के लिए ग्रामीण श्रद्धालुओं का भी आना शुरू हो गया है। जिसके चतले भीड़ प्रबंधन प्रशासन के लिये चुनौती बनता दिखाई दे रहा है। वहीं कार्तिक मेले का आगाज होने पर भी भीड़ बढ़ेगी और श्री महाकाल महालोक का लोग रुख करेगें। जो प्रशासन के लिये सबसे बड़ी चुनौती होगी। दीपवाली के बाद से देश-विदेश से पर्यटको का आगमन हो रहा है। अक्टूबर के अंतिम चार दिन तो हालत काफी गंभीर हो गये थे। उज्जैन से इंदौर तक जाम की स्थिति बनी थी। बावजूद प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के साथ यातायात व्यवस्था को लेकर गंभीरता अब तक नहीं दिखाई है। एक बार फिर रविवार से भीड़ का दबाव धार्मिक नगरी में बढ़ता देखा जा रहा है। 10 नवम्बर तक ऐसी ही स्थिति बनी रहने की उम्मीद जताई जा रही है।