April 20, 2024

 

अगस्त तक ओंकारेश्वर, सलकनपुर, दतिया, शनिश्चरा, मैहर, चित्रकूट का भी होगा विकास

भोपाल। अगले दो साल में मप्र के प्रमुख मंदिरों पर 3000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शुरुआत ‘श्रीमहाकाल लोक’ से हो गई है।
सरकार का ध्यान अब ओंकारेश्वर पर है। कोशिश है कि अगस्त 2023 तक आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण हो जाए। यह तैयारी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी है।

अभी महाकाल, फिर ओंकारेश्वर, बीच में सलकनपुर और कतार में दतिया, मैहर, चित्रकूट, शनिश्चरा (शनिचरा) जैसे स्थान भी हैं। इनका भी विस्तार और विकास होगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ‘प्रसाद’ योजना के तहत भी पैसा मिल रहा है। देश में मप्र ऐसा केंद्र होगा, जहां धार्मिक टूरिज्म का बड़ा सर्किट बन जाएगा।
महाकाल लोक : उज्जैन में महाकाल परिसर को विकसित करने पर 850 करोड़ खर्च होंगे। दूसरा चरण 2023 में पूरा होगा।
सलकनपुर:अगस्त से पहले सलकनपुर का स्वरूप भी बदल जाएगा। राज्य सरकार ने 45 करोड़ में काम शुरू कर दिया है। केंद्र के पास 55 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है।
ओंकारेश्वर: अलग-अलग चरण में 2141.85 करोड़ रु. पूरे प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे। धातुओं के मिश्रण से तैयार हो रही आदि शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा 198.25 करोड़ में बनेगी। 500 साल तक इसे नुकसान नहीं होगा।
मैहर : 30 करोड़ रुपए के काम
माई के स्थान (पहाड़ी पर) के आसपास सुविधाओं के साथ पहुंच मार्ग और श्रद्धालुओं के लिए 30 करोड़ के काम होंगे।
दतिया: सिद्धपीठ पीतांबरा माई में अन्य सुविधाओं और कामों के लिए 25 करोड़ का प्रोजेक्ट। केंद्र की प्रसाद योजना के तहत इसे सैद्धांतिक सहमति मिल गई है।
शनिश्चरा: 30 करोड़ रुपए से काम होंगे। मप्र का सबसे बड़ा शनि धाम होगा। मुख्य द्वार को भव्य बनाया जाएगा।
चित्रकूट: राम वनपथ गमन के साथ पूरे चित्रकूट का विकास 100 करोड़ में होगा। यह स्वदेश और राम दर्शन की थीम पर बनेगा।