April 23, 2024

दलितों ने किया कलेक्टर और एसपी ऑफिस घेराव

ब्रह्मास्त्र दमोह।

जिले के देवरान गांव में 3 दलितों की निर्मम हत्या के विरोध में गुरुवार को अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार के नेतृत्व में सम्पूर्ण दलित समाज ने दमोह में हुंकार भरी।
गत 25 अक्टूबर को दमोह जिले के देवरान गांव में रविदास समाज के अहिरवार परिवार पर गांव के दबंग जगदीश,लग्गी,कोदूलाल, घनश्याम वंदना सहित एक दर्जन से अधिक लोगो द्वारा रविदास परिवार पर हमला कर अंधाधुध गोलियां चलाई। जिससे लकवा ग्रस्त 60 वर्षीय घमंडी अहिरवार और उनकी पत्नी राजप्यारी अहिरवार व उनके पुत्र माणक लाल अहिरवार की मौत हो गई। एक सदस्य महेश अहिरवाल गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हत्याकांड के बाद दमोह जिला प्रशासन ने एफआईआर में 7 नामजद आरोपी बनाएं, जबकि मारने वाले 18 आरोपी थे। शेष पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित परिवार का कहना हैं कि घटना स्थल पर गोलीबारी करने वाले और हमला करने वाले कुल 18 लोग थे। मृतक परिवार को मुआवजे के नाम पर सिर्फ 8 लाख 25 हजार रूपए देने का वादा कर इति श्री कर ली जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार पीड़ित परिवार को 28,75000 रुपए मिलना चाहिए थे।
अखिल भारतीय बलाई महासंघ की यह मांग थी कि उक्त मामले में दमोह जिला पुलिस प्रशासन द्वारा सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ़्तार कर रासुका की कार्यवाही की जाए ।
पीड़ित परिवार के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की।
प्रशासन से गुहार लगाई कि मृतक आश्रितों को एक करोड़ पचास लाख रुपए अर्थात प्रत्येक मृतक को 50- 50 लाख रुपए की राहत राशि और घायल को 10 लाख रुपए मुआवजा राशि दी जाए। आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके ठिकानों पर बुलडोजर चलाए।
वहीं जबेरा थाना अंतर्गत गांव का मजदूर पिरु अहिरवार कटा हाथ लेकर पत्नि और छोटे छोटे बच्चों के साथ मनोज परमार के पास पहुंचा । बोला कि गांव के दबंग उनके खेत में जबरदस्ती काम कराने ले गए। कार्य करते वक्त गाली बकते हुए पीछे से कमर पर लात मारी किससे थ्रेशर मशीन में मेरा एक हाथ पूरा कट गया। पुलिस कार्यवाही नहीं कर रहीं।
परमार ने पीड़ित को ले जाकर कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कराई। एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की मांग की।
इस मौके पर मुख्य रूप से श्रीमती निर्मला वानखेड़े, संगीता पाटोदी, रवि मकवाना, कुंदन चौहान, रोहित आंजणा,लाखन देपाले,सुनिल कटारिया, गोलू राठौर, मनीष अलांसे, विशाल चौहान, रिशित मालवीय, लक्ष्मण खेड़े, शुभम् परमार
सहित सैकड़ो की संख्या में दलित समाज के कार्यकर्ता मौजूद थे।