April 26, 2024

ब्रह्मास्त्र भोपाल

भोपाल में बुधवार रात कुछ देर के लिए 1984 के गैसकांड की यादें ताजा हो गईं। नगर निगम के वाटर फिल्टर प्लांट से क्लोरीन गैस रिसी तो लोगों की सांसें फूलने लगीं। उनको आंखों में असहनीय जलन होनी लगी। खौफजदा लोग घर छोड़कर भागने लगे।
भोपाल में क्लोरीन गैस रिसने से लोगों की रात खौफ में कटी। मदर इंडिया कॉलोनी में नाले के किनारे रहने वाले 70 से ज्यादा परिवारों को शिफ्ट करना पड़ा। ज्यादातर लोग आज सुबह घरों को लौटे। खाली घरों में चोरी न हो जाए, इसलिए बुधवार को रातभर पुलिस तैनात रही।

इलाके में ड्यूटी कर रहे शाहजहांनाबाद टीआई सौरभ पांडे की तबीयत रात में बिगड़ गई। उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने पर 10 से ज्यादा लोगों को हमीदिया में भर्ती कराया गया है। क्लोरीन गैस सिलेंडर से लीक हुई। पहले इसके टैंक से रिसने की बात सामने आई थी। गैस हवा में न फैले, इसलिए सिलेंडर को पानी में डाला गया। यही पानी बस्ती में नाले के जरिए पहुंच गया और गंभीर हालात बन गए। गांधी मेडिकल कॉलेज (भोपाल) के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. लोकेंद्र दवे का कहना है कि इस प्रकार का गैस रिसाव जब भी हो, सबसे पहले उस एरिए को छोड़कर दूर जाना चाहिए।

गैस रिसाव वाले इलाके में फव्वारे, फायर ब्रिगेड से पानी का छिड़काव करना चाहिए। क्लोरीन पानी में घुल जाती है। इस गैस के असर से आंखों में जलन और फेफड़ों में सूजन हो सकती है। ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि व्यक्ति कितनी देर गैस के एक्सपोजर में रहा और उसके लंग्स में कितनी गैस पहुंची। यदि ज्यादा गैस फेफड़ों में पहुंचती है तो लम्बे समय की या फिर हो सकता है कि स्थायी दिक्कत हो जाए।