पुस्तकीय ज्ञान को व्यवहार में लाता पर्यटन – कुलपति

महिदपुर। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के ज्योतिष एवं ज्योतिर्विज्ञान विभाग द्वारा विश्व पर्यटन दिवस पर सांस्कृतिक भ्रमण का आयोजन किया गया जिसको लेकर भ्रमण विश्वविद्यालय परिसर से महिदपुर क्षेत्र के श्रीकृष्ण एवं सुदामा स्थली नारायणाधाम, किला, नगर के ग्रााम धुलेट स्थित अति प्राचीन एतिहासिक धूर्जटेश्वर महादेव मन्दिर आदि नगर के अति प्राचीन एतिहासिक महत्व के स्थलों का भ्रमण किया गया। पहली बार किसी कुलपति के द्वारा नगर में एतिहासिक स्थलों के भ्रमण को लेकर पहुॅचा गया जिसमें सबसे पहले चमत्कारिक मंदिर धुर्जटेश्वर महादेव पर पहुॅची टीम के साथ कुलपति द्वारा पूजा अर्चना की गई उसके बाद नगर के किला क्षेत्र का पूरा भ्रमण कर एतिहासिक धसरोहरों को देखा गया। यहॉ से श्रीकृष्ण सुदामा मंदिर नारायणा स्थल पर पहुॅकर दर्शनों के बाद कुलपति प्रो. विजय कुमार सी.जी. नें उपस्थित छात्र छात्राओं को उदबोधन देते हुए कहा कि कहा कि यह दिवस पुस्तकीय ज्ञान को बाहर जाकर अनुभव करने का दिवस है। पुस्तकों में निहित ज्ञान को व्यवहारिक रूप से जानना ही पर्यटन दिवस का मूल उद्देश्य है। शैक्षिक गतिविधियों में भ्रमण द्वारा सीखना छात्रों के मानसिक पटल पर सदैव चिन्हित रहता है इसीलिए यह पाठ्यक्रम का भी अभिन्न अंग है। आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आज हम स्वतन्त्रता संग्राम से जुड़े स्थलों का भी दर्शन कर गौरव की अनुभूति कर रहे हैं।
अश्विनी शोध संस्थान निदेशक डॉ.आर.सी.ठाकुर नें इतिहास के पन्नों को उजागर करते हुए कहा कि महिदपुर अंग्रेजी शासन काल में क्रांती का प्रमुख केंद्र रहा है जिसमें युद्ध, सैनिक प्रशिक्षण केन्द्र एवं ऐतिहासिक सन्दर्भ प्राप्त होते हैं। उन्होंने संग्रहालय में स्थित कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक विषयों से अवगत करवाया। मुख्य रूप से उन्होंने पारम्परिक रूप से प्राप्त सिक्कों के विषय मे अवगत करवाया जो विक्रमादित्य शासन काल से भी प्रचलित हैं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्रों नें विशेष रुचि दिखाते हुए इसे एक ज्ञानवर्धक भ्रमण बताया। इस भ्रमण अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ शुभम् शर्मा, एन.एस.एस. डॉ उपेन्द्र भार्गव सहित आचार्यगण छात्र छात्राऐं आदि सम्मिलित रहे।

Author: Dainik Awantika