April 19, 2024

 

इंदौर। स्वच्छता में देश का नंबर वन शहर इंदौर अब पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कदम बढ़ा रहा है। 14 लाख टीम कचरे के पहाड़ को दो साल में हटाकर वहां एक लाख से ज्यादा पौधे रोपकर हराभरा वनक्षेत्र तैयार करने वाले इंदौर ने इसी ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट पर सोलर पैनल लगाकर हर माह आठ लाख रुपये की बिजली बचाने की कवायद शुरू कर दी है ।
फरवरी 2022 में बनकर तैयार हुए इस प्लांट के संचालन पर प्रति माह 38 लाख रुपये की बिजली खर्च हो रही है। इस खर्च को कम करने के लिए छह माह में यहां 800 किलोवाट का सोलर पैनल का संयंत्र लगाया गया है। प्लांट संचालित करने वाली कंपनी के परिसर, कार्यालय की छतों के साथ ही मैदान में सोलर पैनल लगाए गए हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाला यह संयंत्र जुलाई में तैयार हो गया। इसके चार्ज होने के बाद इसी माह से बिजली बिल में आठ लाख रुपये प्रतिमाह की बचत होगी।

एक साल में 40 प्रतिशत बिजली की होगी बचत

कंपनी द्वारा ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में अगले एक साल में डेढ़ एकड़ जमीन पर सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई गई है। ऐसे में अगले एक साल में कंपनी 800 किलोवाट का एक अन्य सोलर पैनल का संयंत्र लगाएगी। इससे कंपनी को बिजली बिल के खर्च में 40 प्रतिशत राशि की बचत हो सकेगी और सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि 150 करोड़ रुपये की लागत से 15 एकड़ में बने इस प्लांट से हर दिन 17 हजार 500 किलो बायो सीएनजी तैयार हो रही है, जबकि 100 टन खाद प्रतिदिन बनाई जा रही है।