April 20, 2024

सारंगपुर रक्षाबंधन के त्योहार पर मोटा मुनाफा कमाने व्यापारी मिलावटी वस्तुएं भी बेच सकते हैं। 11 अगस्त गुरुवार को रक्षा बंधन है। ऐसे में बाजार में ग्राहकों की भीड़ है। दुकानदार इसी भीड़ का फायदा उठा सकते हैं। दुकानदार ग्राहक को पैकिंग के वजन के साथ मिठाई और ड्रायफ्रूट्स बेच रहे हैं। इस तरह लोगों को सरेआम चूना लगाया जा रहा है। वहीं जिम्मेदार विभाग कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। अब ऐसे में आप अगर बाजार जा रहे हैं तो संभलकर खरीदारी करें। हम आपको बता रहे है कि खरीदारी के लिए बाजार जाएं तो किस तरह की सावधानी अपनाएं।
मिठाई खरीदते समय यह करें
दुकानदार मिठाई तौलते समय डिब्बे का वजन कर देता है, जिससे 80 से 150 ग्राम तक मिठाई कम हो जाती है। ऐसे में आप पहले खाली डिब्बे का वजन तुलवा लें, इसके बाद मिठाई की मात्रा और डिब्बे का वजन मिलाकर तौल कांटे पर देख लें। विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 की धारा 30 के तहत ग्राहक को अधिकार है कि दुकानदार से डिब्बे का वजन तौलकर बताने को कह सकता है। इस तरह से आप मिठाई की दुकान पर ठगने से बच जाएंगे।
गिफ्ट पैक आइटम में ऐसे बचें
पैक बंद वस्तुओं पर निमार्ता की घोषणा डिक्लरेशन संबंधी पर्ची चस्पा करना जरूरी होता है। बाजार में मिलावटी वस्तुओं पर यह पर्ची चस्पा नहीं होती है। इस पर्ची पर निमार्ता का नाम, पता, एमआरपी, कस्टमर केयर का पता अंकित होना जरूरी है। यदि किसी वस्तु पर निमार्ता की घोषणा पर्ची नहीं हो तो आप दुकानदार से पूछ सकते हैं कि पर्ची क्यों नहीं है। आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। ऐसा कर खुद तो ठगी से बचेंगे ही और दूसरे को भी बचाएंगे।
मावो में सबसे ज्यादा मिलावट
त्योहार का सीजन आते ही बाजार में मावा की मांग बढ़ जाती है। मांग बढ़ने और उत्पादन में कमी के कारण बाजार में नकली मावा खपना शुरू हो जाता है। अधिकतर मिठाइयां मावे से बनती हैं। दुकानदार मुनाफे के चक्कर में मिठाई में सबसे ज्यादा मिलावट करते हैं। मावे में मैदा, वनस्पति घी, सिंथेटिक दूध, आलू और ग्लूकोज पाउडर मिलाया जाता है। अरारोट और स्टार्च भी मिलाया जाता है। इससे सेहत को नुकसान हो सकता है।
मावा की शुद्धता ऐसे जांचें
मिलावटी मावे की जांच के लिए मावे में पानी मिलाकर इसे फेंटे। फेटने से निकला मावा यदि ऐंठा हुआ और सख्त होगा तो समझ लें कि इसमें वनस्पति घी का इस्तेमाल किया गया है। यदि मावा ढीला पड़ जाता है तो इसमें रिफाइंड आयल की मिलावट है। मावा फेटने के बाद भी चिकना और मक्खन और मुलायम है तो यह उसके शुद्ध होने का प्रतीक है। फूड सेफ्टी एनालिस्टों के अनुसार 250 ग्राम मावे में पानी डाल कर फेटने पर 70 ग्राम घी निकलना चाहिए। यदि इससे कम निकलता है तो मिलावट हो सकती है।
ऐसे भी कर सकते है मावा की जांच
फिल्टर आयोडीन की दो-तीन बूंद खोया पर डालें। अगकर उसमें मिलावट है तो रंग काला पड़ जाएगा। मावे में वनस्पति घी की मिलावट हुई तो जबान पर रखते ही यह रवेदार और कड़वा महसूस होता है।
घी में मिला रहे आलू और अरारोट
देसी घी में आलू और आरारोट के साथ रिफाइंड की मिलावट की जा रही है। घी की शुद्धता जांचने के लिए में एक चम्मच चीनी और हाइड्रो क्लोरिक एसिड की कुछ बूंदे मिलाएं। थोड़ी देर बाद इसे हिलाएं। घी का रंग लाल हो जाए तो समझ लें कि उसमें मिलावट है।