April 25, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर। बाल विद्या मंदिर के पास नगर निगम के डस्टबिन में दो जुड़वां नवजात के शव मिले हैं। सफाइकर्मी जब डस्टबिन खाली करने पहुंचा तो उसे शव पॉलीथिन में बंद मिले। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। चंदन नगर टीआई अभय नेमा के अनुसार दोनों नवजात को योजनाबद्ध तरीके से लाकर यहां फेंका गया है। इसमें दो या तीन से ज्यादा लोगों के शामिल होने की संभावना है।
सुबह नगर निगम की कचरा गाड़ी रोज की तरह डस्टबिन से कचरा उठाने धार रोड पहुंची। इस दौरान निगमकर्मी को एक पॉलीथिन में कुछ भारीपन लगा। उसने खोल कर देखा तो होश उड़ गए। थैली में दो मृत नवजात थे। उसने नगर निगम कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी। इसके बाद चंदन नगर पुलिस मौके पर पहुंची। नवजातों में एक लड़का और एक लड़की थी। पुलिस ने दोनों शवों को अस्पताल भेजा। पुलिस ने आशंका जताई है कि रात को इन बच्चों को फेंका गया। पुलिस टिम्बर मार्केट व आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।

हर साल 50 से ज्यादा मामले

एक अनुमान के अनुसार हर साल इंदौर में ऐसे 40-50 मामले होते हैं। जिनमें नवजात को झाड़ियों, कचरे या सुनसान जगह पर मिले। पीसीपीएनडीटी विभाग द्वारा हर सरकारी, प्राइवेट अस्पताल, सोनोग्राफी सेंटरों से नियमित रिपोर्ट मंगाने, मशीनों में ट्रेकर लगाने के साथ मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके चलते अबॉर्शन के मामले लगभग बंद हो गए हैं। केवल स्पेशल केस में ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसकी अनुमति दी जाती है। हालांकि लिव इन रिलेशन के मामले तेजी से बढ़ने से, ऐसे मामले फिर सामने आने लगे हैं। हाल ही में लिव इन में रहने के दौरान युवक-युवती ने नवजात को अपनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उसे एक संस्था में रखा गया है।

एकमात्र केस उसमें भी बरी

खास बात यह कि इस तरह के मामलों में पुलिस की जांच सिर्फ फाइलों में ही सिमटकर रह जाती है। कुछ साल पहले रावजी बाजार क्षेत्र में नाले के पास नवजात बच्चा मिलने पर पुलिस ने गहराई से जांच कर उसके हाथ पर बंधे टैग के आधार पर युवक, युवती और युवती की मां के खिलाफ केस दर्ज किया था। पर्याप्त सबूत नहीं होने से कोर्ट में केस कमजोर पड़ गया। दोष सिद्ध नहीं होने पर कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया था।