April 19, 2024

कॉलोनी काटते वक्त किए बड़े-बड़े वादे और अब जलसंकट से जूझ रहे रहवासी

ब्रह्मास्त्र उज्जैन। शहर के एक बाहुबली नेता की सरपरस्ती में गड़बड़ियों के लिए कुख्यात कॉलोनाइजर महेश परियानी अपनी हरकतों से बाज आने को तैयार ही नहीं है। परियानी द्वारा काटी गई कॉलोनी तिरुपति सैफरान के रहवासी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि कॉलोनी काटते वक्त वादे तो बड़े-बड़े किए गए, लेकिन अब सुविधा नाम पर कुछ नहीं है। रहवासियों को यदि शीघ्र ही सुविधाएं नहीं मिली, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि कानीपुरा क्षेत्र में तिरुपति सैफरान में दिखाए गए सपनों के साथ ही लोगों ने अपनी खून पसीने की कमाई से आशियाने खरीदे थे। कॉलोनाइजर परियानी ने तब पीएचई से पानी देने का वादा भी किया था। करीबन 2000 लोगों से बसी इस कॉलोनी के लोग वर्षों से बोरिंग पर निर्भर हैं।
भीषण गर्मी में तो हालात और ज्यादा खराब हैं। लोग भारी जल संकट से जूझ रहे हैं। अभी 4 दिन पहले ही कॉलोनीवासी पीएचई कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने अधिकारियों से कॉलोनी में पीएचई का पानी नहीं आने की बात कही। इस पर पीएचई अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस कॉलोनी के नल कनेक्शन के लिए विधिवत शुल्क जमा नहीं हुआ है। इस कारण पीएचई पानी देने में असमर्थ है। शुल्क जमा हो जाएगा तो 7 दिन के अंदर पानी की व्यवस्था कर दी जाएगी। यह पता चलते ही लोग कालोनाइजर महेश परियानी के यहां पहुंचे। कॉलोनी के रहवासियों का कहना है कि कॉलोनाइजर परियानी ने वादे तो बहुत बड़े-बड़े किए थे, परंतु उनमें से किसी को भी पूरा नहीं किया। न तो पीएचई का पानी उपलब्ध करवाया और न ही दो गेट बनवाए। अब तो बोरिंग भी सूख रहे हैं। पीएचई अधिकारियों का कहना है कि कॉलोनाइजर की एनओसी ले आओ, विधिवत प्रक्रिया पूरी कर दो , 7 दिन में पानी उपलब्ध करवा देंगे। रहवासियों का कहना है कि इस कॉलोनी में 300 से ज्यादा मकान हैं। अभी तक बोर से काम चल जाता था, लेकिन अब वे भी सूख रहे हैं। ऐसी स्थिति में पीएचई के पानी के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। पीएचई एनओसी मांग रही है। महेश परियानी को लोगों की समस्या से जैसे कोई मतलब ही नहीं है।