दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के रूप में विख्यात मंगलनाथ मार्ग पर स्थित सांदीपनि आश्रम में गुरु पूर्णिमा का पर्व विशेष रूप से मनाया जाएगा। इस दिन आश्रम की परंपरा के अनुसार बच्चों को विद्यारंभ संस्कार कराया जाएगा।
आश्रम के मुख्य पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया कि सुबह महर्षि सांदीपनि, भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की प्रतिमाओं का जल से अभिषेक करेंगे। इसके बाद भगवान को नए वस्त्र पहनाए जाएंगे और मंदिर की ध्वजा बदली जाएगी। इसके पश्चात आश्रम में छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार होगा। यह 16 संस्कारों में से एक व सर्वश्रेष्ठ संस्कार माना जाता है। पहली बार विद्यालय जाने वाले बच्चों का स्लेट पाटी रखकर यहां पूजन कराया जाता है।अनेक माता-पिता आज भी यहां अपने बच्चों के साथ संस्कार में भाग लेने आते हैं। गुरु पूर्णिमा पर्व पर आश्रम में फूलों से सजावट होगी व भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
द्वापर युग में श्री कृष्ण स्वयं यहां पढ़ने आए थे
द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण स्वयं यहां उज्जैन में ऋषि सांदीपनि से विद्या अर्जित करने के लिए आए थे। उनके साथ बड़े भाई बलराम और मित्र सुदामा भी यहां आए थे। उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में रहकर उन्होंने 64 दिन रहकर 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। द्वापर युग से लेकर वर्तमान में कलयुग तक वंश परंपरा के अनुसार यहां गुरु पूजन की परंपरा चली आ रही है।