उज्जैन। उज्जैन के उन बीजेपी नेताओं की आस अब पूरी होने जा रही है जो बीते कई दिनों से निगम मंडलों और उज्जैन प्राधिकरण में अपनी राजनीतिक स्तर पर नियुक्तियां होने की आस सरकार से लगाए हुए है। भोपाल सूत्रों के अनुसार इन राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद सूबे के सीएम डॉक्टर मोहन यादव द्वारा नियुक्तियां करने के लिए हरी झंडी दे दी है।
बता दें कि उज्जैन विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष सहित संचालक मंडल के सदस्यों की नियुक्तियां होनी है तो वहीं अन्य निगम मंडलों, बोर्ड आदि में भी नियुक्तियां की जाना है और इसके लिए जिले के बीजेपी नेता आस लगाए हुए बैठे है वहीं रास्ता साफ होने के बाद कुछ नेताओं ने तो भोपाल में भी डेरा डाल दिया है। माना जा रहा है कि सरकार इन नियुक्तियों में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाने पर ध्यान देगी, ताकि सभी वर्गों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिल सके। इससे आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनावों में लाभ मिल सके। सूत्रों की मानें तो राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर जल्द ही सरकार और संगठन में विचार-विमर्श शुरू हो सकता है। लोकसभा चुनाव के बाद सरकार ने कुछ नियुक्तियां भी की पर अधिकांश प्रमुख निगम मंडल और बोर्ड अब भी खाली है। चुनाव के बाद राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संगठन नेताओं के साथ बैठक भी हुई पर इसी बीच भाजपा के केंद्रीय संगठन ने संगठनात्मक चुनाव की तैयारी शुरू की कर दी और इसका पहला चरण सदस्यता अभियान के साथ शुरू हुआ। सदस्यता अभियान पूरा होते ही संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में करीब छह महीने से अधिक का समय बीत गया। प्रदेश में पिछले डेढ़ साल से खाली पड़े निगम मंडल, बोर्ड और प्राधिकरणों में अब नियुक्तियों को लेकर फिर कयास लगाए जाने लगे हैं। नए अध्यक्ष की ताजपोशी होते ही दावेदारों ने अपने अपने राजनीतिक समीकरण बैठाने शुरू कर दिए हैं। दरअसल दावेदारों को संगठन की ओर से पूर्व में यह संकेत दिए गए थे कि संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया निपटने के बाद निगम, मंडल समेत संस्थाओं में राजनीतिक नियुक्तियों पर विचार किया जाएगा। करीब छह महीने पूर्व राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सीएम हाउस में संगठन नेताओं की बैठक हो चुकी है। इसमें तय किया गया था कि नियुक्तियों के लिए जिलों की कोर कमेटी से भी नाम मांगे जाएंगे। माना जा रहा है कि अब जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू होगी। इसके अलावा हेमंत खंडेलवाल को भी अपनी नई टीम चुननी है। इसमें भी उन नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा जिन्हें अच्छे काम के बाद भी बेहतर अवसर नहीं मिल रहे हैं।