दैनिक अवंतिका उज्जैन।
श्रावण मास में भगवान महाकाल अधिक से अधिक भक्तों को दर्शन देने के लिए जल्दी जागेंगे। इसके लिए महाकाल की भस्मारती श्रावण के सोमवार को रात 2.30 बजे से की जाएगी तो रोजाना 3 बजे से होगी। जबकि आम दिनों में महाकाल की भस्मारती रोज तड़के 4 बजे से 6 बजे तक की जाती है। श्रावण मास में भगवान महाकाल की दिनचर्या में बदलाव किया जाता है।
श्रावण मास में उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए मंदिर समिति दर्शन से लेकर सुरक्षा व तमाम इंतजाम कर रही है। श्रावण मास में चार सोमवार आएंगे। इस बार श्रावण लगने के बाद 14 जुलाई को श्रावण मास का पहला सोमवार आ रहा है। मंदिर समिति भस्मारती में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष तैयारी कर रही है। इस बार चलित भस्मारती में श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुलभ व्यवस्था के साथ दर्शन कराए जाएंगे। इसके लिए कार्तिक मंडप को पूरा खाली रखा जाएगा।
जाने श्रावण में कब-कब सोमवार
आएंगे
पहला सोमवार – 14 जुलाई
दूसरा सोमवार – 21 जुलाई
तीसरा सोमवार – 28 जुलाई
चौथा सोमवार – 4 अगस्त
बिना अनुमति वालों को भस्मारती
में चलित दर्शन हो जाएंगे
श्रावण मास में देशभर से लाखों श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आएंगे। अधिकांश श्रद्धालु चाहते हैं कि वे भस्मारती में भी शामिल हो। लेकिन मंदिर समिति के पास इतने लोगों को एक साथ बैठाने की व्यवस्था नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए कलेक्टर के निर्देश पर समिति ने चलित भस्मारती में अधिक श्रद्धालुओं को प्रवेश देकर दर्शन कराने की व्यवस्था की है। महाकाल मंदिर के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि समिति रोजाना डेढ़ से दो हजार श्रद्धालुओं को ही भस्म आरती की अनुमति जारी सकती है। इसके बाद चलित व्यवस्था से ही दर्शन संभव है।