ब्यास की बाढ़ में फिर सुरक्षित रहा पंचवक्त्र मंदिर: शिव की शक्ति का अद्भुत चमत्कार
मंडी (हिमाचल प्रदेश)।
जब हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आसमान से आफत बरसी और ब्यास नदी रौद्र रूप में उफान पर आई, तब भी एक चमत्कार ने सभी को अचंभित कर दिया। ब्यास नदी के प्रचंड प्रवाह के बीच मंडी शहर का ऐतिहासिक पंचवक्त्र महादेव मंदिर एक बार फिर सुरक्षित खड़ा रहा — मानो स्वयं शिव ने अपने इस धाम की रक्षा की हो।
इस बार नदी की धारा मंदिर के चारों ओर से बहती रही, जैसे परिक्रमा कर रही हो, लेकिन अंदर प्रवेश न कर सकी। यह दृश्य स्थानीय लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा से भरा हुआ था। कई लोगों ने इसे “ईश्वरीय चमत्कार” बताते हुए वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जो अब वायरल हो रही हैं।
गौरतलब है कि जुलाई 2023 की बाढ़ में पंचवक्त्र मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया था। उस समय मंदिर के द्वार तक नहीं खुल पा रहे थे, और ब्यास नदी की लहरें पूरे शहर में तबाही मचा रही थीं। मगर इस बार, जब ब्यास ने फिर से विकराल रूप लिया, तब वही पंचवक्त्र मंदिर एक चट्टान की तरह अडिग खड़ा रहा — जलधारा उसके चारों ओर घूमी, लेकिन उसकी देहरी को छू भी नहीं सकी।
पंचवक्त्र मंदिर का महत्व
मंडी शहर में स्थित पंचवक्त्र महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह वास्तुकला और इतिहास का भी प्रतीक है। कहा जाता है कि यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां भगवान शिव ने अपने पंचमुखी स्वरूप में दर्शन दिए थे।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी इस घटना को किसी दैवीय संकेत के रूप में देख रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह शिव की उपस्थिति और उनकी कृपा का प्रमाण है। बाढ़ के कहर के बीच इस मंदिर का अडिग रहना, श्रद्धालुओं के लिए न सिर्फ एक आश्वासन है बल्कि उनकी आस्था को और भी मजबूत करता है।