दैनिक अवंतिका उज्जैन। 
महाकाल मंदिर में गुरुवार की शाम संध्या आरती के बाद प्रांगण में होली जलाई जाएगी। इसके पूर्व आरती में पंडे-पुजारी भगवान को गर्भगृह में शकर की माला और लाल हर्बल गुलाल अर्पित कर परंपरागत रूप से होली का त्योहार मनाएंगे। 
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य एवं पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि होली दहन के अगले दिन यानी 14 मार्च को मंदिर में धुलेंडी पर तड़के 4 बजे की भस्मारती में भगवान महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित होगा। होली के अवसर पर मंदिर परिसर में ओकारेश्वर मंदिर के प्रांगण में कंडों व लकड़ी से होली सजाई जाएगी। रंगोली बनाई जाएगी। संध्या आरती से पूर्व यहां पुजारी परिवार के लोग होली का पूजन करने पहुंचेंगे। आरती के बाद शासकीय पुजारी के द्वारा होली का पूजन व आरती की जाएगी। इसके बाद होली का दहन किया जाएगा।
15 मार्च से भगवान की आरती 
नए समय से की जाएगी
होली के बाद चैत्र कृष्ण प्रतिपदा इस बार 15 मार्च से परंपरा अनुसार भगवान महाकाल की तीन आरती का समय बदल जाएगा। अब नए समय पर आरती होगी। सुबह की दद्योदक आरती चैत्र से प्रातः: 07 से 07:45 बजे तक, भोग आरती प्रा‍त: 10 से 10:45 बजे तक व संध्या आरती शाम 07 से 07:45 बजे तक की जाएगी। भस्मारती सुबह 4 से 6, संध्या पूजा शाम 5 बजे व शयन आरती रात 10:30 ये 11 बजे तक पूर्व निर्धारित समय अनुसार ही की जाएगी। 
भगवान का ठंडे जल से स्नान 
भी चैत्र से शुरू हो जाएगा
भगवान महाकाल को अब चैत्र मास शुरू होने के साथ ही प्रतिदिन भस्मारती में ठंडे जल से स्नान कराया जाएगा। गर्मी में भगवान को ठंडे जल से स्नान कराने की परंपरा है। अभी ठंड में गर्म जल से स्नान चल रहा था।