April 19, 2024

बीजिंग: अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन बौखलाया हुआ है। यही कारण है कि चीन ने 26 साल बाद दोबारा ताइवान की सीमा के अंदर मिसाइलों की बारिश की है। चीनी मीडिया ने तो बाकायदा इन मिसाइल लॉन्चिंग के वीडियो को जारी कर अपनी ताकत का बखान किया है। ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने गुरुवार को ताइवान द्वीप के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास शुरू किया। इसकी शुरुआत में ताइवान जलडमरूमध्य के पूर्वी हिस्से में पहले से निर्धारित क्षेत्रों में लंबी दूरी की रॉकेट आर्टिलरी और पारंपरिक मिसाइलों के जरिए लाइव फायर ड्रिल की गई। वहीं, ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि आज हमारे देश के उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम में चीनी सेना ने कई बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की हैं। ताइवानी सेना हालात पर नजर बनाए हुए है और एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया गया है।

ताइवान से 125 किलोमीटर दूर से दागी गईं चीनी मिसाइलें
दोपहर 12:00 बजे अभ्यास शुरू होने के बाद, PLA ईस्टर्न थिएटर कमांड ने बताया कि सेना ने सेना ने ताइवान जलडमरूमध्य में लगभग 1:00 बजे लंबी दूरी की आर्टिलरी से लाइव फायर ड्रिल की। इसमें कई विशिष्ट लक्ष्यों को सटीकता के साथ भेदा गया। इस घटना के कई वीडियो क्लिप्स चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कई पोस्ट में दावा किया गया है कि इन मिसाइलों को ताइवान से केवल 125 किलोमीटर दूर पूर्वी चीन के फुजियान प्रांत के पिंगटन से लॉन्च किया गया था। चीनी मीडिया ने दावा किया है कि चीन की मुख्य भूमि से दागी गई मिसाइलों ने ताइवान द्वीप के ऊपर आसमान में उड़ान भरी है। इस दौरान चीनी सेना ने DF-21, DF-26 और हाइपरसोनिक DF-17 सहित कई मिसाइलों और रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम को फायर किया।

चीन की डीएफ-17 मिसाइल कितनी खतरनाक
चीन की डीएफ-17 दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइलों में शामिल है। हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ने के कारण इस मिसाइल को किसी भी एंटी डिफेंस सिस्टम से ट्रैक करना काफी मुश्किल है। ठोस-ईंधन से चलने वाली यह मिसाइल सीधी पथ पर चलने के बजाए अपने लक्ष्य तक जाने के लिए काफी घूमावदार रास्ता अपनाती है। इस मिसाइल में DF-ZF हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को माउंट होता है, जो लॉन्चिंग के बाद एक निश्चित समय पर मेन रॉकेट से अलग होकर हाइपरसोनिक स्पीड प्राप्त करता है। DF-ZF के साथ DF-17 का आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर 2019 को चीन के राष्ट्रीय दिवस सैन्य परेड में अनावरण किया गया। 15000 किलोग्राम वजनी यह मिसाइल 11 मीटर लंबी है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 1800 से 2500 किलोमीटर तक बताई जाती है।

5 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है डीएफ-26 मिसाइल
चीन की DF-26 मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर की है। DF-26 परमाणु और परंपरागत दोनों ही तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल को 2016 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स में तैनात किया गया था। इस मिसाइल का प्रोडक्शन चीन की चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन करती है। चीन का दावा है कि डीएफ-26 मिसाइल जमीन और नौसैनिक लक्ष्यों के खिलाफ सटीक परमाणु या पारंपरिक हमले कर सकता है। यह चीन की पहली पारंपरिक रूप से सशस्त्र बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे गुआम और वहां स्थित अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों तक पहुंचने में सक्षम होने का दावा किया गया है। चीन ने इस मिसाइल को 2015 में आयोजित एक परेड के दौरान पहली बार प्रदर्शित किया था।

ताइवान के पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की ताकत जानें
चीन की मिसाइल लॉन्चिंग के जबाव में ताइवान ने अमेरिका से खरीदे गए पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है। पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को अमेरिका और उसके सहयोगी देश ऑपरेट करते हैं। यह एक कॉम्बेट प्रूवन हथियार है, जिसकी ताकत को कई युद्धों में जांचा गया है। पैट्रियट (MIM-104) सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और अडवांस एयरक्राफ्ट का मुकाबला करने के लिए एक लंबी दूरी की, सभी-ऊंचाई, हर मौसम में काम करने वाली वायु रक्षा प्रणाली है। इसे मैसाचुसेट्स में रेथियॉन और फ्लोरिडा में लॉकहीड मार्टिन मिसाइल और फायर कंट्रोल सिस्टम मिलकर बनाती हैं। पैट्रियट अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, इज़राइल, जापान, कुवैत, नीदरलैंड, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, पोलैंड, स्वीडन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, रोमानिया, स्पेन और ताइवान समेत कई अन्य देशों में भी तैनात हैं। पैट्रियट मिसाइल की मारक क्षमता 70 किमी और अधिकतम ऊंचाई 24 किमी से अधिक है। न्यूनतम उड़ान का समय नौ सेकंड से कम है जबकि अधिकतम साढ़े तीन मिनट है।