March 28, 2024

निर्दोष को खिलवा दी जेल की हवा

इंदौर। 16 साल लड़की ने छेड़छाड़ की झूठी एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस ने आरोपी को जेल भी भेज दिया। मामले की पोल तब खुली, जब पुलिस ने कोर्ट में नाबालिग का 9वीं की छात्रा होने का दावा किया, जबकि चालान डायरी में जिस स्कूल में नाबालिग ने खुद को जाना बताया, वह 8वीं तक ही है। नाबालिग ने ऐसा उसके मामा के कहने पर किया था। जिसके बाद कोर्ट ने ही पूरे मामले में पुलिस को गलत एफआईआर करने की बात कही।
जिला न्यायालय में वकील कृष्णकुमार कुन्हारे और ईश्वर कुमार प्रजापति ने बताया, 9 अप्रैल 2017 को बंशी माधवानी के खिलाफ 16 साल की लड़की ने थाना सराफा में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था। नाबालिग ने पुलिस से शिकायत में बताया, मिलन साड़ी की दुकान पर बंशी माधवानी ने लड़की का नाम-पता पूछ कर पहचान की। इसके बाद परेशान करने लगा। पुलिस ने बंशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

मामा के कहने पर लिखाई रिपोर्ट

इस मामले में सराफा थाने के सब इंस्पेक्टर नरेंद्र जैसवार ने कोर्ट में चालान पेश किया। नाबालिग ने कोर्ट को दिए बयान में बताया कि उसके मुंह बोले मामा पर मामी ने घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया है। बंशी माधवानी मामी की कानूनी मदद कर रहा है। इसलिए मामा ने उसे बंशी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट करने के लिए कहा था।

कोर्ट ने कहा- यह पॉक्सो एक्ट का दुरुपयोग

सेशन जज विशेष न्यायाधीश पावस श्रीवास्तव ने फैसले में टिप्पणी की, ये केस पॉक्सो एक्ट का सीधे-सीधे दुरुपयोग है। पुलिस के चालान के साथ लगे दस्तावेजों और उप प्राचार्या के बयान से यह साफ है कि नाबालिग 8वीं तक ही पढ़ी है। नाबालिग की मां भी बयान देने कोर्ट में नहीं पहुंची।