April 19, 2024

 

इंदौर। पांच बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीत चुके इंदौर के कई इलाकों में पेयजल के साथ सीवर लाइन का पानी सप्लाई हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि जिस 311 एप पर तुरंत शिकायत और समाधान का दावा किया जाता है, उस पर कई शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रहा है। टैंकर से पानी सप्लाई के नाम पर औपचारिकता निभाई जा रही है।
वहीं, इंदौर के पाश इलाकों में गिने जाने वाले अमितेष नगर और महालक्ष्मी नगर में नर्मदा लाइन में सीवर लाइन की सप्लाई मिल रही है। एक दिन छोड़ कर की जाने वाली सप्लाई किए जाने वाले पानी में काला, गंदा और बदबूदार पानी आ रहा है। महालक्ष्मी नगर के आर सेक्टर में कई लोग दूषित पेयजल को लेकर ऑनलाइन और मेन्यूअल अपनी शिकायतें दर्ज करा चुके हैं। पानी माफियाओं के चलते सूखे हैंडपंप, सप्लाई भी कम, भीषण गर्मी में निकल रहा गाजियाबाद के लोगों का दम।

नलों से आ रहा गंदा और बदबूदार पानी

10 दिनों से सीवर लाइन का बदबूदार गंदा पानी आ रहा है। शुरुआत में कुछ दिनों तक हल्की बदबू आ रही थी। लोग इसी पानी को पीते रहे। एक के बाद एक लगातार शिकायतें मिल रही है लेकिन निगम का अमला बेसूध है। कुछ अधिकारियों ने शनिवार सुबह पानी की सप्लाई के वक्त विजिट किया भी लेकिन दूरुस्त करने वाली टीम नहीं होने की बात कर वे भी चल दिए। लोगों ने जब उनसे टैंकर से वैकल्पिक पानी सप्लाय की बात कही तो घंटों इंतजार के बाद महज एक हजार लीटर पानी दे सके। सवाल यह है कि क्या तीन दिन तक एक परिवार में एक हजार लीटर पानी पर्याप्त है। एक हजार लीटर पानी के बदले क्या पूरे टैंकर की सप्लाय दिखाने का खेल तो नहीं चल रहा, यह एक जांच का विषय है।