April 18, 2024

उज्जैन। बहुचर्चित अभिभाषक नलिन शर्मा हत्याकांड को लेकर शुक्रवार को कोर्ट ने मोहन वासवानी सहित चार आरोपितों को दोषी करार दिया। मामले में कॉल डिटेल, गाड़ी के पहिए पर मिले खून के नमूने अहम सबूत रहे।
माधवनगर थाने के तत्कालीन एसआई मोबिन अंसारी ने मामले की जांच की थी। जांच में पता चला था कि मृतक अभिभाषक नलिन शर्मा का शहीद पार्क स्थित माणक भवन में एक दुकान व दो कमरों पर कब्जा था। इसे मधुर डेयरी संचालक मोहन वासवानी खाली करवाना चाहता था। मोहन वासवानी ने अपने साथी राजकुमार, राजेश शर्मा को मृतक नलिन शर्मा के पास भेजकर दुकान व कमरे खाली करवाने के लिए 35 लाख रुपये देने का लालच दिया था। इस पर नलिन शर्मा ने इंकार कर दिया था। उन्हें धमकी दी थी कि उनके साथ कुछ भी हो सकता है।

हत्या को दुर्घटना बताने की थी साजिश

विशेष लोक अभियोजक काजी अहासन उल्ला ने बताया कि मोहन वासवानी, राजेश ने मिलकर नलिन शर्मा की हत्या की योजना बनाई थी। इन्होंने दुर्गा पुत्र मिहीलाल जो कि एक प्रोफेसर के यहां चालक था, उसे रुपये देकर नलिन शर्मा की टवेरा गाड़ी से कुचलकर हत्या करने को कहा था। 28 मार्च 2009 को जब नलिन शर्मा दूध लेकर रात करीब साढ़े आठ बजे अपने घर जा रहे थे तो उसी दौरान राजेश आदि ने रैकी कर दुर्गा को फोन कर जानकारी दी थी। इसके बाद दुर्गा ने अभिभाषक नलिन शर्मा को वंदे मातरम भवन गेहूं मंडी के पास जोरदार टक्कर मारकर मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने काल डिटेल, भवन विवाद के आधार पर चारों आरोपितों के खिलाफ धारा 302, 120 बी, के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को कोर्ट ने चारों को आजीवन कारावास तथा 80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।