April 19, 2024

उज्जैन। 13 साल बाद अहमदाबाद बम बलास्ट के 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई गई। जिसमें उज्जैन के महिदपुर में रहने वाले सफदर नागौरी का नाम भी शामिल है। सिमी का मास्टर माइंड सफदर ने अपने आंतकी मंसूबों की शुरुआत पढ़ाई के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय से कर दी थी। जब उसने कश्मीर को लेकर लिखा था बर्फ की आग कैसे बुझेगी। अहमदाबाद बम बलास्ट में फांसी की सजा पाने वालों उज्जैन के 3 आतंकियों के नाम शामिल है। जिसमें सबसे खूंखार सफदर है। महिदपुर के नागौरी मोहल्ले में करीब 51 साल पहले जन्म लेने वाले सफदर के माता-पिता ने कभी सोचा नहीं होगा कि उनका बेटा आतंकी बनेगा। पिता क्राइम ब्रांच में थे और एएसआई के पद से रिटायर्ड हुए थे। सफदर ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1999 में विक्रम विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया। उसने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के दौरान वर्ष 2000 में उसने कश्मीर के मुद्दों को लेकर बर्फ की आग कैसे बुझेगी शोध लिखकर अपने मंसूबों को जाहिर कर दिया। उसके लिखे शब्दों को देख विवाद खड़ा हो गया। वह सिमी से 1993 में जुड़ चुका था। उसके खिलाफ महाकाल पुलिस ने 1997 में केस दर्ज किया। उस वक्त सफदर भड़काऊ बातें कहने लगा था। उसके खिलाफ एक वर्ष बाद इंदौर में भी मामला दर्ज हो गया। उसकी गतिविधियों को देखते हुए परिवार ने उससे किनारा कर लिया। कुछ सालों तक उसने भड़काऊ बातों के साथ विवादित पोस्टर चिपकाए। उसके बाद लापता हो गया था। उसके खिलाफ महाकाल, खाराकुआं और अन्य थानों में मामले दर्ज हो चुके थे। अहमदाबाद बम बलास्ट में वह मास्टर माइंड बनकर सामने आया। उसके बाद मार्च 2008 में उसे इंदौर से पुलिस ने गिरफ्तार किया। उस दौरान 11 आतंकियों को पकड़ा गया था। पूछताछ में जानकारी सामने आई थी कि आंतकी कैंप चलाते हैं।