April 25, 2024

ब्रह्मास्त्र इंदौर। शहर के शासकीय कैंसर हॉस्पिटल में हर दिन 30 से 40 नए कैंसर रोगी आते हैं, लेकिन शहर का यह एकमात्र सरकारी कैंसर हॉस्पिटल 50 साल से सिर्फ रेडिएशन सेंटर बना हुआ है। कैंसर के मरीजों का इलाज तीन तरीकों सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथैरेपी से किया जाता।
मेडिकल ऑन्कोलॉजी का अलग विभाग ही नहीं है, जबकि कोई भी मरीज अस्पताल में आता है तो सबसे पहले उसे मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट के पास जाना होता है।

जिनका काम नहीं वे दे रहे कीमियोथेरेपी
रेडिएशन काम ऑन्कोलॉजिस्ट का है जिसकी कई सालों से कॉलेज ने नियुक्ति नहीं की है। यह कैंसर प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।

कैंसर के प्रति प्रदेश में भी लापरवाही

प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तीन साल पहले मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट के 24 नए पद सृजित किए गए थे। इन पर भर्तियां ही नहीं हो पा रही हैं। इंदौर को छोड़कर कहीं भी विशेषज्ञ ने जॉइन नहीं किया। यहां भी सहायक प्राध्यापक के दो पदों पर नियुक्तियां हुई हैं।